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Sunday, August 7, 2022

Computer mei memory kya hai aur ye kyu zaroori hai

जिस प्रकार हमें कुछ सोचने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करना पड़ता है उसी प्रकार कंप्यूटर को भी सोचने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसे हम आम भाषा में computers memory कहते हैं। computers में memory storage प्रदान करने का काम करती है। मेमोरी 3 प्रकार की ही होती है एक temporary or primary और दूसरी permanent or secondary और तीसरी cache मेमोरी होती है।आज की इस महत्वपूर्ण लेख में हम आपको Computer mei memory kya hai aur ye kyu zarori hai से आपको अवगत करवाएंगे।


Computer mei memory kya hai aur ye kyu zaroori hai ?


Computer mei memory kya hai aur ye kyu zaroori hai


आज के समय में कंप्यूटर एक जरूरत बन गया है। इसके इस्तेमाल से हमारा कार्य सरल हो गया है। कंप्यूटर मेमोरी हमारे लिए क्यों जरूरी है यह सवाल का जवाब मैं उदाहरण के रूप में देना चाहता हूं। मान लीजिए एक स्कूल में 100 छात्र है और इन सभी छात्रों की डिटेल को एक रजिस्टर पर नोट करना बहुत ही कठिन कार्य होगा , तो इससे बचने के लिए हम कंप्यूटर में उपस्थित कंप्यूटर मेमोरी का इस्तेमाल करेंगे जिससे हमारा समय भी कम लगेगा और जरूरत पड़ने पर हम किसी भी छात्र का रिकॉर्ड आसानी से ढूंढ सकते हैं।


कंप्यूटर मेमोरी कंप्यूटर की डेटा और इन्स्ट्रक्शन्स को संचित करने और पहुँचाने के लिए एक स्थायी या अस्थायी संग्रहण स्थान होती है। यह डेटा प्रोसेसिंग के लिए जरूरी होती है और कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार की मेमोरी, जैसे कि RAM (Random Access Memory) और ROM (Read-Only Memory), में बाँटी जाती है। RAM विशेष रूप से कंप्यूटर के काम करते समय डेटा और प्रोग्राम्स को तात्काल संग्रहित करती है, जबकि ROM केवल पढ़ने के लिए होती है और उसमें स्थायी डेटा होता है जो कंप्यूटर की आरंभिक जानकारी होती है।


Computer memory कितने प्रकार की हो सकती है?


कंप्यूटर मेमोरी मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है।

*Primary Memory - प्राइमरी मेमोरी, जिसे उपाधिमेमोरी भी कहा जाता है, कंप्यूटर सिस्टम की मेमोरी की प्रमुख श्रेणी होती है जो कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और चल रहे प्रोग्रामों के लिए डेटा और इंस्ट्रक्शन्स को संचित करती है। यह डेटा को प्रोसेसर के साथ तेजी से साझा करने में मदद करती है। प्राइमरी मेमोरी के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी) और ROM (रीड-ओनली मेमोरी)। RAM डेटा को अस्थायी रूप से संचित करती है, जबकि ROM में डेटा स्थायी रूप से संचित होता है और इसे प्रोसेसर के बूट करने के समय पढ़ा जा सकता है।


*Secondary Memory - सेकंडरी मेमोरी एक कंप्यूटर की एक प्रकार की भंडारण यादिका होती है जो डेटा और जानकारी को स्थायी रूप से संग्रहित करती है, और जब आवश्यक होता है, तो इसे प्राथमिक मेमोरी (रैम) से प्राप्त किया जाता है। सेकंडरी मेमोरी के उदाहरण हैं हार्ड डिस्क, सीडी, डीवीडी, पेन ड्राइव, और अन्य संग्रहणीय उपकरण। यह मेमोरी डेटा को दीर्घकालिक रूप से संग्रहित करने के लिए उपयोग में आती है।


*Cache Memory - कैश मेमोरी कंप्यूटर की तेजी और कुशलता में सुधार करने के लिए उपयोग होने वाली छोटी सी, तेज एवं स्थायी मेमोरी होती है। यह डेटा को प्रोसेसर तक जल्दी पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होती है, जिससे कंप्यूटर के कार्यक्षमता में सुधार होता है। कैश मेमोरी डेटा को प्रोसेसर के पास रखकर उसके प्रयोग को तेजी से संभालती है ताकि प्रोसेसर को डेटा को प्राप्त करने के लिए मेमोरी की खोज में समय बर्बाद नहीं होता।


Cache memory - जब हम मेमोरी की स्पीड की बात करते हैं तो इसमें cache memory का नाम सबसे ऊपर आता है। यह cpu में पाई जाती है। यह एक temporary storage memory है और volatile भी , मतलब power बंद हो जाने पर आपका data भी delete हो जाएगा। कभी-कभी यह सीपीयू मेमोरी के नाम से भी जानी जाती है।


Primary memory - Primary memory को main memory भी कहा जाता है। इसकी मेमोरी को बढ़ाया नहीं जा सकता। इसकी मेमोरी फिक्स होती है परंतु इसमें आपको एक ही समस्या का सामना करना पड़ता है , इसमें आपका डाटा परमानेंट नहीं रहता है , power चले जाने पर आपका डाटा permanently delete हो जाता है। लेकिन स्पीड के मामले में यह सेकेंडरी मेमोरी से तेज होती है। इसीलिए प्राइमरी मेमोरी को volatile memory भी कहा जाता है। यह टेंपरेरी type की है। 


Abbreviations of Primary memory


RAM Types


RAM - Read Access Memory - RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी): यह कंप्यूटर की संचित डेटा और प्रोग्राम्स को तात्काल रूप से एक्सेस करने के लिए होती है।


SRAM - Static read-only memory - स्टैटिक रैम (Static RAM, या स्टैटिक रैंडम एक्सेस मेमोरी, आक्रितिक रैम) कंप्यूटर मेमोरी का एक प्रकार है, जिसे स्टैटिक कहा जाता है क्योंकि यह अपनी डेटा को तात्काल रूप से रखती है, बिना किसी पुनर्लिखन की आवश्यकता के। यह डेटा संग्रहण के लिए उपयुक्त होती है, लेकिन यह बिजली की उपस्थिति की आवश्यकता होती है और आमतौर पर रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM) के रूप में कंप्यूटर परिप्रेक्ष्य में पाई जाती है।


स्टैटिक रैम तेज़ी से डेटा एक्सेस करने में सक्षम होती है, लेकिन यह बड़े आकार की बनाने की आवश्यकता होती है, और यह आमतौर पर कॉम्प्यूटर सिस्टम की केसिंग के भीतर नहीं पाई जाती, बल्कि कंप्यूटर के प्रोसेसिंग unit मैं होती है।


DRAM - Dynamic read-only memory - डायनेमिक रैम (DRAM) एक प्रकार की कंप्यूटर मेमोरी होती है जिसका प्रमुख कार्य है डेटा को स्थायी रूप से संचित करना और प्रोसेसर को तेजी से उपलब्ध कराना। यह कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और चल रहे प्रोग्रामों के लिए आवश्यक होती है और यह डेटा को पढ़ने और लिखने के लिए इस्तेमाल होती है। डायनेमिक रैम के आधार पर कंप्यूटर विभिन्न कार्य करता है और इसे वोलेटाइल मेमोरी के रूप में भी जाना जाता है, यानी डाटा को बिजली के बिना खो देती है।


ROM Types


ROM - Read only memory - यह एक परमानेंट मेमोरी टाइप है। इसमें स्टोर की गई इंफॉर्मेशन कभी भी डिलीट नहीं हो सकती क्योंकि इसमें जो content भरा जाता है वह इसकी मैन्युफैक्चरिंग के समय ही भरा जाता है। पावर चले जाने के बावजूद भी इसमें भरा गया कंटेंट कभी भी डिलीट नहीं होता है। Rom mathematical functions store करता है जैसे sine, cosine,   logarithm, square root, exponential etc


PROM - Programmable read-only memory - इसमें भी ROM की तरह इंफॉर्मेशन one time लिखी जाती है और यूजर इसे change नहीं कर सकता है।

EPROM - Erasable programmable read-only memory - यह editable memory होती है अर्थात इसमें हम data डिलीट करके इसे new data से fill कर सकते हैं।

EEPROM - Electrically Erasable Programmable Read Only Memory 


Secondary memory - Secondary memory की आवश्यकता मेमोरी को बढ़ाने के लिए पड़ती है। यह एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी है। मतलब power के चले जाने पर इसमें डाटा उसी प्रकार से रहता है जिस प्रकार से आपने छोड़ा था। उदाहरण - pen drive, CD-ROM, DVD, memory cards etc. 


Secondary memory के फायदे ?


जब कभी आपकी प्राइमरी मेमोरी बहुत सारे डेटा से भर जाती है तो हम उस डाटा को सेकेंडरी मेमोरी की तरफ शिफ्ट करते हैं ताकि हमें कंप्यूटर हैंगिंग प्रॉब्लम का सामना ना करना पड़े क्योंकि आपकी प्राइमरी मेमोरी का खाली रहना भी जरूरी है क्योंकि जितनी आपकी प्राइमरी मेमोरी खाली रहेगी उतना ही आपका कंप्यूटर fast होगा। examples - Hard disk, pen drive. 


Difference between Static Ram and Dynamic Ram


पावर ऑन होने के बावजूद भी डायनामिक रैम अपनी स्टोर इंफॉर्मेशन को बहुत ही कम समय में खो देती है। यह समय 1 मिली सेकंड का भी हो सकता है। इसीलिए हर 2 milliseconds के बाद डायनामिक रैम को refresh करना पड़ता है। यह static Ram के मुकाबले बहुत ही सस्ती होती है। लेकिन static Ram पावर इस्तेमाल करने के मुकाबले डायनामिक रैम से ज्यादा power खर्च करता है। static Ram के सर्किट को बार-बार रिफ्रेश करने की जरूरत नहीं पड़ती।


समापन -

इस लेख "Computer mei memory kya hai aur ye kyu zaroori hai" को समाप्त करते हुए हम आपसे यही कहना चाहते हैं कि हमारी हमेशा से यही कोशिश रही है कि हम आपको एक क्वालिटी कंटेंट प्रेजेंट कर सके ताकि आप हमारा लेख पढ़कर सही जानकारी प्राप्त कर सकें।


Saturday, April 2, 2022

Computer ki past history || computer ka gyan in hindi

 कंप्यूटर एक electronic equipment है जिसे डिजाइन किया गया है जो डाटा को accept करता है, हमारी डाटा को process करता है, store करता है और अंत में हमें desired output देता है। computer में instructions पहले से ही save होती है।आज के लेख में हम आपको Computer ki past history  computer ka gyan in hindi बताएंगे

Computer "compute" शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ calculation करना होता है। इसके अलावा computer की एक प्रचलित full form भी है।

C - commonly 

O - operating 

M - machine 

P - particularly 

U - used for

T - technical and

E - educational 

R - research 

Computer ki past history || computer ka gyan in hindi

Computer ka ithihas computer ka gyan in hindi

दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर द्वितीय विश्व युद्ध (1943-1946) के दौरान बनाया गया था और उसका नाम ENIAC था। यह कंप्यूटर size में बहुत ही बड़े हुआ करते थे। कभी-कभी तो इनका size एक कमरे के सामान भी होता था। पहले समय के कंप्यूटर्स में vacuum tubes का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब वेक्यूम ट्यूब को बदलकर integrated circuit का इस्तेमाल किया जाता है। पहले कंप्यूटर का circuit बहुत ही complex हुआ करता था लेकिन आज modern technology द्वारा circuit का size बहुत ही छोटा कर दिया गया है।

Alan Turing को father of modern computer कहा जाता है। Charles Babbage को grand father of computer कहा जाता है क्योंकि क्योंकि उन्होंने विश्व का सबसे पहला mechanical computer design किया था, जिसका नाम analytical engine रखा गया था। इसमें ROM (read only memory)  का इस्तेमाल punched cards के रूप में किया जाता था। 

टाइप ऑफ कंप्यूटर

कंप्यूटर के दो मुख्य प्रकार हैं।

1 Analog computer 

2 Digital computer 

  • Analog computer - यह कंप्यूटर physical nature की information को process करते हैं जैसे temperature,  pressure etc
  • Digital computer - आप कंप्यूटर में जो भी input type करते हैं , binary form में होते हैं अर्थात 0 और 1 की फॉर्म में computer आपके इनपुट को binary form में समझता है और आपके input को आउटपुट में बदलकर आपके सामने information output के रूप में प्रस्तुत करता है। 
Computer generation क्या है कंप्यूटर की सभी पीढ़ियों की व्याख्या

 कंप्यूटर जनरेशन को पांच मुख्य पीढ़ियों में बांटा गया है।
  •  Generation 1 (1946-1959) - फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर्स में vacuum tubes का इस्तेमाल किया गया था इसकी main memory magnetic drums थी और इसमें external storag]e punched card के रूप में प्रदान की गई थी।language की बात करें तो उसमें low level language का इस्तेमाल किया जाता था और इसमें कोई भी operating system नहीं लगाया गया था।
  •  Generation 2 (1959-1965) - Transistors का इस्तेमाल कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी से होता चला आ रहा है। इसकी main memory RAM (random access memory)  और ROM (read only memory)  में divide होती है। इसमें assembly language और कुछ high level languages का आरंभ हुआ जैसे BASIC, COBOL(common business oriented language)  and FORTRAN (formula translation) 
  •  Generation 3 (1965-1970) - इस generation में integrated circuit and operating system का जन्म हुआ। इसकी main memory में PROM (programmable read only memory)  & DRAM (dynamic read only memory) रखा गया। इस generation में keyboard के लिए input और output के लिए monitor का इस्तेमाल किया जाता था और external storage के लिए floppy disk का। 
  • Generation 4 (1970-1981) - computer  की 4th generation LSIC (large scale integrated circuit), VLSIC (very large scale integrated circuit) , microprocessor पर based थी। इसमें main memory = EPROM (electrically programmable read only memory) & SRAM (static random access memory) External storage = Hard disk & Floppy disk , Operating system = Ms Dos & Pc Dos को लगाया गया था।
  • Generation 5 (1981 - onwards) - Generation 5 artificial intelligence AI expert system पर आधारित है। इस जनरेशन के कंप्यूटर (graphical user interface ) GUI पर based है। उदाहरण laptops, notebook, palmtop, pocket PC,  digital library etc. इसकी external storage modified magnetic and optical disk है और मेन मेमोरी में EEPROM (electrically erasable programmable read only memory )and SIMM (single inline memory module) , DIMM (dual inline memory module) components को fix किया गया है।
Basic computer applications 

1 Entertainment - अपने  टेलीविजन में हम कोई भी मूवी या फिर animation film देखते हैं वह सब कंप्यूटर की मदद से ही बनाए जाते हैं। ज्यादातर एनिमेशन फिल्म को कंप्यूटर पर बनाया जाता है और बाद में उन्हें television media पर ट्रांसफर किया जाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कौन बनेगा करोड़पति KBC है जिसमें कंप्यूटर द्वारा प्रश्न किए जाते हैं और प्रतियोगियों द्वारा उनके उत्तर दिए जाते हैं।

2 scientific research -  कंप्यूटर द्वारा robots को भी कंट्रोल किया जाता है। scientific research से तात्पर्य nuclear research , thesis research for students और deep sea investigation से है। Earthquake, Tsunami जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए आपको पहले ही सूचना दे दी जाती है।

3 Medicines - Medicines के क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तेमाल patients के records रखना heart beat, blood pressure and patient history , X-ray, ECG, MRI, CT scan से है medicine क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तेमाल एक क्रांति साबित हुआ है। medicines , hospitals मैं advancement कंप्यूटर के कारण ही आई है।

4 Engineering - Engineering field मैं कोई भी design reality में ना बनाकर उसका prototype बना सकते हैं। Designing हम CAD and CAM  सॉफ्टवेयर के द्वारा बना सकते हैं CAD (computer aided design) and CAM (computer aided manufacturing). CAD से किसी भी मशीन को reality में ना बनाकर उसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से बना सकते हैं और और उसकी testing , designing और modification बिल्कुल असली मशीन को operate करने जैसा कर सकते हैं। CAM सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल बड़ी factories मैं किया जाता है जहां हम कम समय में मशीन द्वारा बहुत सारे products को एक साथ बना सकते हैं।

5 Book publishing - हमारी जितने भी market मैं books हैं, सब DTP software के द्वारा बनाई जाती है। DTP की फुल फॉर्म desktop publishing है , पहले समय में किताबों को manually बनाया जाता था लेकिन अब personal computer pc , डीटीपी सॉफ्टवेयर जैसे कि Microsoft word से हम कुछ ही समय में बहुत सारी किताबें लिख सकते हैं। आजकल समाचार पत्र भी डीटीपी से ही बनाए जाते हैं , एक ही जगह print होते हैं और हम अलग अलग जगहों पर इन्हें बांट सकते हैं।

6 Communication - communication के लिए सबसे पहले हम telegram and telephone का इस्तेमाल करते थे। उसके बाद हमने mobile smartphone का इस्तेमाल करना शुरू किया और अब हम email का इस्तेमाल करते हैं। E-mail means electronic mail इससे हम अपने messages को transfer कर सकते हैं जिससे हमारा paper और time दोनों ही save होते हैं। हम अपने घर बैठे किसी भी दूसरे देश के व्यक्ति से video calling के जरिए face to face बात कर सकते हैं।

7 Games - कंप्यूटर पर आप बहुत ही अलग अलग टाइप की गेम खेल सकते हैं। computer games को entertainment का एक अच्छा स्रोत माना गया है। कंप्यूटर आपको online and offline games दोनों तरह की गेम्स का एक अच्छा experience प्रदान करता है। for example action games, arcade games, educational games etc. 

8 Education - आप सब जानते हैं कि आजकल के जमाने में कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। कंप्यूटर ने एजुकेशन को बहुत ही आसान बना दिया है। जो शिक्षक पहले अपने छात्रों को blackboard और chalk की मदद से पढ़ाते थे आज वही टीचर Hi-tech projector और computer के इस्तेमाल से बच्चों को पढ़ाते हैं। इससे शिक्षक को भी पढ़ाने में आसानी होती है और छात्रों को भी समझने में मजा आता है।
9 Accounting - जबसे कंप्यूटर्स की शुरुआत हुई है तब से किसी भी business के account को संभालना बहुत ही आसान हो गया है। कंप्यूटर के special software Tally 9 के द्वारा हम trial balance, profit and loss account और यहां तक कि balance sheet को भी तैयार कर सकते हैं।
10 Personal - बहुत से लोग कंप्यूटर का use अपने रिकॉर्ड रखने के लिए अपनी investment , income , expenditure और savings का analysis करने के लिए करते हैं।

Computer के लाभ - 
  • हम एक समय में बहुत सारे काम computer पर कर सकते हैं।
  • अपने से दूर बैठे दोस्तों से video calling और chatting भी कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर पर आप गाने भी सुन सकते हैं। videos भी देख सकते हैं और पढ़ाई भी कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर बहुत लंबे समय तक आप के डाटा को store कर के रख सकता है।
  • इसके द्वारा बिजनेस में आपकी help होती है।
  • इंटरनेट के जरिए बाहरी दुनिया से जुड़ते हैं।
  • डाटा डिलीट हो जाने पर हम उसे पुनः रिसाइकल बिन से वापस retrieve कर सकते हैं।
  • इसमें lan, man and wan के जरिए डाटा भी शेयर कर सकते हैं।
Computer के नुकसान -
  • अत्यधिक कंप्यूटर चलाने से हमारी दृष्टि कमजोर हो सकती है।
  • कंप्यूटर पर बहुत सारी cyber-attack होते रहते हैं।
  • Computer antivirus ना होने पर इसमें बहुत से malicious virus आ सकते हैं 
  • Weak password लगाने से hacking का खतरा हो सकता है।
  • इसे चलाने के लिए power की आवश्यकता पड़ती है।
आपने मेरा लेख पढ़कर क्या सीखा?

मैंने आपको "Computer ki past history || computer ka gyan in hindi " में दिया। यदि आप से पूछा जाए कंप्यूटर जनरेशन क्या है? कंप्यूटर की सभी पीढ़ियों की व्याख्या करें तो आप मेरी पोस्ट पढ़कर इसका जवाब लिख सकते हैं। आपको कुछ महत्वपूर्ण शब्दों की full form से भी अवगत करवाया। आजकल के समय में कंप्यूटर का हमारी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। बिना कंप्यूटर के जिंदगी की कल्पना भी असंभव लगती है।कंप्यूटर विज्ञान की देन है। आज जहां कंप्यूटर के फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी है।