कंप्यूटर एक electronic equipment है जिसे डिजाइन किया गया है जो डाटा को accept करता है, हमारी डाटा को process करता है, store करता है और अंत में हमें desired output देता है। computer में instructions पहले से ही save होती है।आज के लेख में हम आपको Computer ki past history computer ka gyan in hindi बताएंगे
Computer "compute" शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ calculation करना होता है। इसके अलावा computer की एक प्रचलित full form भी है।
C - commonly
O - operating
M - machine
P - particularly
U - used for
T - technical and
E - educational
R - research
Computer ki past history || computer ka gyan in hindi
दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर द्वितीय विश्व युद्ध (1943-1946) के दौरान बनाया गया था और उसका नाम ENIAC था। यह कंप्यूटर size में बहुत ही बड़े हुआ करते थे। कभी-कभी तो इनका size एक कमरे के सामान भी होता था। पहले समय के कंप्यूटर्स में vacuum tubes का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब वेक्यूम ट्यूब को बदलकर integrated circuit का इस्तेमाल किया जाता है। पहले कंप्यूटर का circuit बहुत ही complex हुआ करता था लेकिन आज modern technology द्वारा circuit का size बहुत ही छोटा कर दिया गया है।
Alan Turing को father of modern computer कहा जाता है। Charles Babbage को grand father of computer कहा जाता है क्योंकि क्योंकि उन्होंने विश्व का सबसे पहला mechanical computer design किया था, जिसका नाम analytical engine रखा गया था। इसमें ROM (read only memory) का इस्तेमाल punched cards के रूप में किया जाता था।
टाइप ऑफ कंप्यूटर
कंप्यूटर के दो मुख्य प्रकार हैं।
1 Analog computer
2 Digital computer
- Analog computer - यह कंप्यूटर physical nature की information को process करते हैं जैसे temperature, pressure etc
- Digital computer - आप कंप्यूटर में जो भी input type करते हैं , binary form में होते हैं अर्थात 0 और 1 की फॉर्म में computer आपके इनपुट को binary form में समझता है और आपके input को आउटपुट में बदलकर आपके सामने information output के रूप में प्रस्तुत करता है।
- Generation 1 (1946-1959) - फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर्स में vacuum tubes का इस्तेमाल किया गया था इसकी main memory magnetic drums थी और इसमें external storag]e punched card के रूप में प्रदान की गई थी।language की बात करें तो उसमें low level language का इस्तेमाल किया जाता था और इसमें कोई भी operating system नहीं लगाया गया था।
- Generation 2 (1959-1965) - Transistors का इस्तेमाल कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी से होता चला आ रहा है। इसकी main memory RAM (random access memory) और ROM (read only memory) में divide होती है। इसमें assembly language और कुछ high level languages का आरंभ हुआ जैसे BASIC, COBOL(common business oriented language) and FORTRAN (formula translation)
- Generation 3 (1965-1970) - इस generation में integrated circuit and operating system का जन्म हुआ। इसकी main memory में PROM (programmable read only memory) & DRAM (dynamic read only memory) रखा गया। इस generation में keyboard के लिए input और output के लिए monitor का इस्तेमाल किया जाता था और external storage के लिए floppy disk का।
- Generation 4 (1970-1981) - computer की 4th generation LSIC (large scale integrated circuit), VLSIC (very large scale integrated circuit) , microprocessor पर based थी। इसमें main memory = EPROM (electrically programmable read only memory) & SRAM (static random access memory) External storage = Hard disk & Floppy disk , Operating system = Ms Dos & Pc Dos को लगाया गया था।
- Generation 5 (1981 - onwards) - Generation 5 artificial intelligence AI expert system पर आधारित है। इस जनरेशन के कंप्यूटर (graphical user interface ) GUI पर based है। उदाहरण laptops, notebook, palmtop, pocket PC, digital library etc. इसकी external storage modified magnetic and optical disk है और मेन मेमोरी में EEPROM (electrically erasable programmable read only memory )and SIMM (single inline memory module) , DIMM (dual inline memory module) components को fix किया गया है।
- हम एक समय में बहुत सारे काम computer पर कर सकते हैं।
- अपने से दूर बैठे दोस्तों से video calling और chatting भी कर सकते हैं।
- कंप्यूटर पर आप गाने भी सुन सकते हैं। videos भी देख सकते हैं और पढ़ाई भी कर सकते हैं।
- कंप्यूटर बहुत लंबे समय तक आप के डाटा को store कर के रख सकता है।
- इसके द्वारा बिजनेस में आपकी help होती है।
- इंटरनेट के जरिए बाहरी दुनिया से जुड़ते हैं।
- डाटा डिलीट हो जाने पर हम उसे पुनः रिसाइकल बिन से वापस retrieve कर सकते हैं।
- इसमें lan, man and wan के जरिए डाटा भी शेयर कर सकते हैं।
- अत्यधिक कंप्यूटर चलाने से हमारी दृष्टि कमजोर हो सकती है।
- कंप्यूटर पर बहुत सारी cyber-attack होते रहते हैं।
- Computer antivirus ना होने पर इसमें बहुत से malicious virus आ सकते हैं
- Weak password लगाने से hacking का खतरा हो सकता है।
- इसे चलाने के लिए power की आवश्यकता पड़ती है।