Saturday, April 2, 2022

Computer ki past history || computer ka gyan in hindi

 कंप्यूटर एक electronic equipment है जिसे डिजाइन किया गया है जो डाटा को accept करता है, हमारी डाटा को process करता है, store करता है और अंत में हमें desired output देता है। computer में instructions पहले से ही save होती है।आज के लेख में हम आपको Computer ki past history  computer ka gyan in hindi बताएंगे

Computer "compute" शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ calculation करना होता है। इसके अलावा computer की एक प्रचलित full form भी है।

C - commonly 

O - operating 

M - machine 

P - particularly 

U - used for

T - technical and

E - educational 

R - research 

Computer ki past history || computer ka gyan in hindi

Computer ka ithihas computer ka gyan in hindi

दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर द्वितीय विश्व युद्ध (1943-1946) के दौरान बनाया गया था और उसका नाम ENIAC था। यह कंप्यूटर size में बहुत ही बड़े हुआ करते थे। कभी-कभी तो इनका size एक कमरे के सामान भी होता था। पहले समय के कंप्यूटर्स में vacuum tubes का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब वेक्यूम ट्यूब को बदलकर integrated circuit का इस्तेमाल किया जाता है। पहले कंप्यूटर का circuit बहुत ही complex हुआ करता था लेकिन आज modern technology द्वारा circuit का size बहुत ही छोटा कर दिया गया है।

Alan Turing को father of modern computer कहा जाता है। Charles Babbage को grand father of computer कहा जाता है क्योंकि क्योंकि उन्होंने विश्व का सबसे पहला mechanical computer design किया था, जिसका नाम analytical engine रखा गया था। इसमें ROM (read only memory)  का इस्तेमाल punched cards के रूप में किया जाता था। 

टाइप ऑफ कंप्यूटर

कंप्यूटर के दो मुख्य प्रकार हैं।

1 Analog computer 

2 Digital computer 

  • Analog computer - यह कंप्यूटर physical nature की information को process करते हैं जैसे temperature,  pressure etc
  • Digital computer - आप कंप्यूटर में जो भी input type करते हैं , binary form में होते हैं अर्थात 0 और 1 की फॉर्म में computer आपके इनपुट को binary form में समझता है और आपके input को आउटपुट में बदलकर आपके सामने information output के रूप में प्रस्तुत करता है। 
Computer generation क्या है कंप्यूटर की सभी पीढ़ियों की व्याख्या

 कंप्यूटर जनरेशन को पांच मुख्य पीढ़ियों में बांटा गया है।
  •  Generation 1 (1946-1959) - फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर्स में vacuum tubes का इस्तेमाल किया गया था इसकी main memory magnetic drums थी और इसमें external storag]e punched card के रूप में प्रदान की गई थी।language की बात करें तो उसमें low level language का इस्तेमाल किया जाता था और इसमें कोई भी operating system नहीं लगाया गया था।
  •  Generation 2 (1959-1965) - Transistors का इस्तेमाल कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी से होता चला आ रहा है। इसकी main memory RAM (random access memory)  और ROM (read only memory)  में divide होती है। इसमें assembly language और कुछ high level languages का आरंभ हुआ जैसे BASIC, COBOL(common business oriented language)  and FORTRAN (formula translation) 
  •  Generation 3 (1965-1970) - इस generation में integrated circuit and operating system का जन्म हुआ। इसकी main memory में PROM (programmable read only memory)  & DRAM (dynamic read only memory) रखा गया। इस generation में keyboard के लिए input और output के लिए monitor का इस्तेमाल किया जाता था और external storage के लिए floppy disk का। 
  • Generation 4 (1970-1981) - computer  की 4th generation LSIC (large scale integrated circuit), VLSIC (very large scale integrated circuit) , microprocessor पर based थी। इसमें main memory = EPROM (electrically programmable read only memory) & SRAM (static random access memory) External storage = Hard disk & Floppy disk , Operating system = Ms Dos & Pc Dos को लगाया गया था।
  • Generation 5 (1981 - onwards) - Generation 5 artificial intelligence AI expert system पर आधारित है। इस जनरेशन के कंप्यूटर (graphical user interface ) GUI पर based है। उदाहरण laptops, notebook, palmtop, pocket PC,  digital library etc. इसकी external storage modified magnetic and optical disk है और मेन मेमोरी में EEPROM (electrically erasable programmable read only memory )and SIMM (single inline memory module) , DIMM (dual inline memory module) components को fix किया गया है।
Basic computer applications 

1 Entertainment - अपने  टेलीविजन में हम कोई भी मूवी या फिर animation film देखते हैं वह सब कंप्यूटर की मदद से ही बनाए जाते हैं। ज्यादातर एनिमेशन फिल्म को कंप्यूटर पर बनाया जाता है और बाद में उन्हें television media पर ट्रांसफर किया जाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कौन बनेगा करोड़पति KBC है जिसमें कंप्यूटर द्वारा प्रश्न किए जाते हैं और प्रतियोगियों द्वारा उनके उत्तर दिए जाते हैं।

2 scientific research -  कंप्यूटर द्वारा robots को भी कंट्रोल किया जाता है। scientific research से तात्पर्य nuclear research , thesis research for students और deep sea investigation से है। Earthquake, Tsunami जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए आपको पहले ही सूचना दे दी जाती है।

3 Medicines - Medicines के क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तेमाल patients के records रखना heart beat, blood pressure and patient history , X-ray, ECG, MRI, CT scan से है medicine क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तेमाल एक क्रांति साबित हुआ है। medicines , hospitals मैं advancement कंप्यूटर के कारण ही आई है।

4 Engineering - Engineering field मैं कोई भी design reality में ना बनाकर उसका prototype बना सकते हैं। Designing हम CAD and CAM  सॉफ्टवेयर के द्वारा बना सकते हैं CAD (computer aided design) and CAM (computer aided manufacturing). CAD से किसी भी मशीन को reality में ना बनाकर उसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से बना सकते हैं और और उसकी testing , designing और modification बिल्कुल असली मशीन को operate करने जैसा कर सकते हैं। CAM सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल बड़ी factories मैं किया जाता है जहां हम कम समय में मशीन द्वारा बहुत सारे products को एक साथ बना सकते हैं।

5 Book publishing - हमारी जितने भी market मैं books हैं, सब DTP software के द्वारा बनाई जाती है। DTP की फुल फॉर्म desktop publishing है , पहले समय में किताबों को manually बनाया जाता था लेकिन अब personal computer pc , डीटीपी सॉफ्टवेयर जैसे कि Microsoft word से हम कुछ ही समय में बहुत सारी किताबें लिख सकते हैं। आजकल समाचार पत्र भी डीटीपी से ही बनाए जाते हैं , एक ही जगह print होते हैं और हम अलग अलग जगहों पर इन्हें बांट सकते हैं।

6 Communication - communication के लिए सबसे पहले हम telegram and telephone का इस्तेमाल करते थे। उसके बाद हमने mobile smartphone का इस्तेमाल करना शुरू किया और अब हम email का इस्तेमाल करते हैं। E-mail means electronic mail इससे हम अपने messages को transfer कर सकते हैं जिससे हमारा paper और time दोनों ही save होते हैं। हम अपने घर बैठे किसी भी दूसरे देश के व्यक्ति से video calling के जरिए face to face बात कर सकते हैं।

7 Games - कंप्यूटर पर आप बहुत ही अलग अलग टाइप की गेम खेल सकते हैं। computer games को entertainment का एक अच्छा स्रोत माना गया है। कंप्यूटर आपको online and offline games दोनों तरह की गेम्स का एक अच्छा experience प्रदान करता है। for example action games, arcade games, educational games etc. 

8 Education - आप सब जानते हैं कि आजकल के जमाने में कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। कंप्यूटर ने एजुकेशन को बहुत ही आसान बना दिया है। जो शिक्षक पहले अपने छात्रों को blackboard और chalk की मदद से पढ़ाते थे आज वही टीचर Hi-tech projector और computer के इस्तेमाल से बच्चों को पढ़ाते हैं। इससे शिक्षक को भी पढ़ाने में आसानी होती है और छात्रों को भी समझने में मजा आता है।
9 Accounting - जबसे कंप्यूटर्स की शुरुआत हुई है तब से किसी भी business के account को संभालना बहुत ही आसान हो गया है। कंप्यूटर के special software Tally 9 के द्वारा हम trial balance, profit and loss account और यहां तक कि balance sheet को भी तैयार कर सकते हैं।
10 Personal - बहुत से लोग कंप्यूटर का use अपने रिकॉर्ड रखने के लिए अपनी investment , income , expenditure और savings का analysis करने के लिए करते हैं।

Computer के लाभ - 
  • हम एक समय में बहुत सारे काम computer पर कर सकते हैं।
  • अपने से दूर बैठे दोस्तों से video calling और chatting भी कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर पर आप गाने भी सुन सकते हैं। videos भी देख सकते हैं और पढ़ाई भी कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर बहुत लंबे समय तक आप के डाटा को store कर के रख सकता है।
  • इसके द्वारा बिजनेस में आपकी help होती है।
  • इंटरनेट के जरिए बाहरी दुनिया से जुड़ते हैं।
  • डाटा डिलीट हो जाने पर हम उसे पुनः रिसाइकल बिन से वापस retrieve कर सकते हैं।
  • इसमें lan, man and wan के जरिए डाटा भी शेयर कर सकते हैं।
Computer के नुकसान -
  • अत्यधिक कंप्यूटर चलाने से हमारी दृष्टि कमजोर हो सकती है।
  • कंप्यूटर पर बहुत सारी cyber-attack होते रहते हैं।
  • Computer antivirus ना होने पर इसमें बहुत से malicious virus आ सकते हैं 
  • Weak password लगाने से hacking का खतरा हो सकता है।
  • इसे चलाने के लिए power की आवश्यकता पड़ती है।
आपने मेरा लेख पढ़कर क्या सीखा?

मैंने आपको "Computer ki past history || computer ka gyan in hindi " में दिया। यदि आप से पूछा जाए कंप्यूटर जनरेशन क्या है? कंप्यूटर की सभी पीढ़ियों की व्याख्या करें तो आप मेरी पोस्ट पढ़कर इसका जवाब लिख सकते हैं। आपको कुछ महत्वपूर्ण शब्दों की full form से भी अवगत करवाया। आजकल के समय में कंप्यूटर का हमारी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। बिना कंप्यूटर के जिंदगी की कल्पना भी असंभव लगती है।कंप्यूटर विज्ञान की देन है। आज जहां कंप्यूटर के फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी है।

Tuesday, December 28, 2021

Sitemap ko dhyan se samjhe

Sitemap means site का पूरा नक्शा। इसमें website के सभी pages की जानकारी को बताया जाता है जैसे कि आपके website के articles में आपने किन-किन चीजों का उपयोग किया है और यह चीजें images, videos, internal linking, audio file आदि होती है। sitemap का उपयोग वही bloggers करते हैं जो रोजाना new post लिखने के साथ-साथ अपनी पुरानी posts को भी update करते हैं। इस लेख में आप क्या क्या सीखेंगे ?

Sitemap बनाने के फायदे 

2 Blogger ke liye Sitemap ko kaise banaya jaata hai?

Single step me sitemap kaise banaye? Shortcut method 

Sitemap ka google search console mei submission 

"Sitemap ko dhyan se samjhe"

Sitemap ko dhyan se samjhe

Sitemap के आखिर में .xml होता है और इसका बहुत ही सिंपल सा मतलब है extended markup language. इसका इस्तेमाल तभी किया जाता है जब आप की website पर बहुत सारी posts लिखी हुई होती है। यदि आपने अपना sitemap बनाया है तो google के crawlers को आपकी वेबसाइट को index  करवाने में और एक high rank दिलवाने में किसी भी प्रकार की कोई भी problem नहीं होगी। 

मैं आपको एक आसान सा उदाहरण देकर समझाता हूं। मान लीजिए आपकी website पर 100 - 150 articles है और आप उनमें से कोई दो तीन articles मैं कुछ new paragraphs जोड़ते हैं या फिर कुछ content को delete कर देते हैं। तो ऐसी स्थिति में आपको उन तीन articles को बार-बार search console में submit करने से बचने के लिए sitemap की help लेनी होती है। आपको सिर्फ sitemap को ही update करना है। आपकी all wordpress or blogger posts automatically update हो जाएंगी।

Sitemap को update करने से पहले आपको search console में submit करना होगा। और उससे भी पहले आपको यह पता होना चाहिए कि sitemap को कैसे बनाया जाता है ?

यदि आप एक ब्लॉगर हैं और आप regularly अपने blog website को update करते हैं। मेरा कहने का मतलब यह है कि आप रोजाना एक blog post लिखते हैं और आप यह भी चाहते हैं कि आपके blog website पर high traffic आए जिससे कि आप अच्छा कमा सके। तो इसके लिए एक ही विकल्प है आप अपनी blog post को google search console or bing webmaster tool or yahoo search console में submit करें और अपने sitemap को भी। जिससे आपके blog traffic और earnings दोनों ही होने लगेगी। 

जिन लोग इसको हमेशा search engine traffic की प्रॉब्लम रहती थी और यही शिकायत रहती थी कि हमने blog  तो बना लिया लेकिन अब traffic कहां से लिया , sitemap ने उनकी प्रॉब्लम का समाधान निकाल लिया है।

Blogger ke liye Sitemap ko kaise banaya jaata hai? 

Sitemap को बनाने के लिए सबसे पहले आपको एक website पर जाना होगा Xml-sitemaps.com और यहां पहुंचते ही आपको अपनी वेबसाइट के यूआरएल को यहां पर enter करना होगा।और अब आप को start पर click करना है। और कुछ समय के लिए आपको यहां इंतजार करना होगा।यहां पर आपके वेबसाइट के url (uniform resource locator)  को crawl किया जाएगा और उसके बाद आपका sitemap तैयार होकर आपके सामने आ जाएगा।

Note - xml -sitemap.com केवल 500 pages का ही साइटमैप generate कर सकती है। 500 से ज्यादा sitemap generate करने के लिए आपको इसका pro version को खरीदना पड़ेगा।

Step 1 


Sitemap ko dhyan se samjhe

Step 2 

Sitemap ko dhyan se samjhe


Step 3

Sitemap ko dhyan se samjhe


Sitemap ko kaise submit kiya jaata hai?  

अब आपका sitemap पूरी तरह से create हो चुका है अब आपको अपने blogger settings में जाना होगा और वहां जाकर आप को custom robots.txt में generated sitemap को paste करना होगा।

Single step me sitemap kaise banaye? 

यदि आप single step में sitemap चाहते हैं तो आप इस वेबसाइट से बना सकते है आपको वेबसाइट www.labnol.org में जाना होगा। इसमें भी आपको अपनी website  का url डालना होगा और generate sitemap पर click करना होगा। उदाहरण के तौर पर आप नीचे दिए गए चित्र में देख सकते हैं।

Sitemap ko dhyan se samjhe
वैसे तो google पर आपको बहुत सारी वेबसाइट  मिल जाएंगी। sitemap बनाने के लिए लेकिन यहां मैंने आपको 1 - 2 website का उदाहरण देकर समझाया है।

Sitemap kaisa dikhta hai?

# Blogger Sitemap created on Tue, 28 Dec 2021 04:15:03 GMT
# Sitemap built with https://www.xyz.com/blogger/sitemap

User-agent: *
Disallow: /search
Allow: /

Sitemap: https://xyz.blogspot.com/atom.xml?redirect=false&start-index=1&max-results=500

यहां आपको सिर्फ xyz के बदले अपनी website के url को add करना है। URL add करने के बाद आप सिंपली अपने ब्लॉग में customs robot.txt option में copy करके paste भी कर सकते है आपको पूरा copy नहीं करना है आपको केवल (User-agent : * ..............) से कॉपी करने की प्रक्रिया को शुरू करना है।

Blogger mei sitemap kaise submit Kare? 

Sitemap बनाने के बाद आपको अपनी blogger की सेटिंग को open कर लेना है। अब आपको crawlers and indexing option में जाना है।नीचे दी गई चित्र की सहायता से आपको अपनी blogger की settings इस प्रकार कर लेनी है।

Sitemap ko dhyan se samjhe

 

Sitemap ka google search console mei submission 

Sitemap बनाने के बाद अब next step आता है वह यह है कि कि अब इसका इस्तेमाल कहां पर किया जाए ? लेकिन आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। अब आपको अपने sitemap को search engine में submit करना है और इसकी बहुत ही सरल प्रक्रिया है। यहां मैं आपको सिर्फ google search console/webmaster के बारे में ही बताऊंगा कि वहां sitemap कैसे सबमिट किया जाता है 

* सबसे पहले आपको google search console  में login कर लेना है।

* अब आपको left side में dropdown-menu में एक option दिखाई देगा sitemap का उस पर click करें।

Sitemap ko dhyan se samjhe


* अब sitemap में जाकर इस code 👇  को "Enter sitemap url" में copy कर लीजिए।

https://(  यहां पर अपनी वेबसाइट का यूआरएल डालें। )/sitemap.xml 

और submit पर click करें। आपका साइटमैप successfully submit हो जाएगा। submission के बाद आपको यह भी पता चल जाएगा कि आपके कितनी posts search engine google में index कर रहे हैं और कितनी नहीं? Sitemap blogger blogspot post seo के लिए भी बड़ा महत्वपूर्ण है।

Sitemap ko dhyan se samjhe

निष्कर्षSitemap ko dhyan se samjhne के लिए मैं आप सब का धन्यवाद करता हूं। मेरा लेख पढ़कर आपको यह समझ में आ ही गया होगा कि एक blogger के लिए sitemap कितना महत्वपूर्ण हो सकता है , अपने लेख में मैंने आपको दो तरीकों से sitemap बनाने की प्रक्रिया को बताया है। आप किसी भी प्रक्रिया से अपने sitemap  को generate कर सकते हैं। आपने अपना साइट मैप कैसे बनाएं। मुझे टिप्पणी करके बताइए और मुझे यह भी बताइए कि आप को साइटमैप का क्या फायदा मिला


Friday, October 29, 2021

cryptocurrency kyon hai charcha mei

Cryptocurrencies का नाम तो आपने बहुत बार सुना होगा। cryptocurrency news में बनी रहती है। इसे intangible asset भी कहा जाता है। Asset उसे कहते हैं जिसकी कोई money value हो मतलब किसी चीज को बेचने पर आपको कुछ पैसा मिले , और intangible उसे कहा जाता है जिसे आप हाथ ना लगा सके। अर्थात इनटेंजिबल ऐसेट का यह मतलब हो गया कि आप जिसे ना देख सके और ना जिसे हाथ लगा सके, लेकिन फिर भी उसकी कुछ मनी वैल्यू हो , लेकिन फिर भी आप उसे sell buy कर सके। भला ऐसा कैसे हो सकता है ? लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा possible है। जी हां, क्रिप्टोकरंसी भी एक intangible asset है जो किसी को दिखाई नहीं देता है और जिसे आप खरीद बेच सकते हैं।  तो चलिए cryptocurrency kyon hai charcha mei के बारे में आइए समझते हैं |

cryptocurrency-kyon-hai-charcha-mei

  cryptocurrency kyon hai charcha mei 

Cryptocurrency दूसरी currencies जैसे कि rupee,  dollar, Euro , Yen , Dinar की तरह हमें दिखाई नहीं देती है। यह एक online digital currency है , केबल internet की दुनिया में ही उपलब्ध है। किसी भी देश की करेंसी उस देश की government के द्वारा लागू की जाती है। यदि हम भारत की बात करें तो हमारे देश में currency को लागू करना Reserve Bank of India and Ministry of finance के हाथ में  है। cryptocurrency एक decentralized currency है। मतलब यह किसी भी government authority या फिर किसी भी person के अधीन नहीं है। यह एक independent currency है जो computer algorithm के द्वारा बनाई गई है। 

How cryptocurrency works ?

क्रिप्टो करेंसी के work को समझने के लिए सबसे पहले हमें blockchain technology को समझना होगा। blockchain software का काम आप की transactions (लेन देन) को record करने का है।मान लीजिए, यदि कोई bitcoin खरीदा है और उसे बाद में बेच देता है तो यह सब ट्रांजेक्शन आपकी ब्लॉकचेन में रिकॉर्ड हो जाएगी और यह एकदम safe and secure रहती है। इसे कोई भी hack नहीं कर सकता है , सभी cryptocurrencies जैसे कि bitcoin , litecoin , etherium  , ripple , कि अपनी अपनी अलग-अलग blockchain होती है |

Cryptography - इसमें sender and receiver की communication को secret रखा जाता है। sender जब encrypted message + (secret key) receiver को भेजता है तो receiver को उसे encoded करने के लिए  उसी secret key की जरूरत पड़ती है जो sender ने उसे भेजी थी  और इस प्रकार से encrypted message  को secret key  के ज़रिए decrypt किया जाता है और यह cryptography process कहलाता है।

Cryptomining -  Cryptomining new cryptocurrency बनाने को कहते है। आप सभी जानते हैं कि क्रिप्टो करेंसी अब limited रह चुकी है और न्यू क्रिप्टो करेंसी के बनाने के process को cryptomining कहते हैं। इसे mine करने के लिए आपको बहुत ही powerful mining machines की जरूरत पड़ती है। यह माइनिंग मशीन hardware होती है और जिसकी माइनिंग मशीन होती है उसे miner कहते हैं। Miner एक person होता है। लेकिन cryptocurrency को mine करना कोई आसान काम नहीं , इसे mine करने के लिए आपको क्रिप्टोकरंसी handlers की कंपलेक्स मैथमेटिकल इक्वेशंस को सॉल्व करना पड़ता है , जो एक पावरफुल हार्डवेयर से ही पॉसिबल है। 

BTCbitcoin की बात करें तो जब बिटकॉइन नया नया आया था तो इसे एक मोबाइल से भी mine किया जा सकता था लेकिन जैसे-जैसे इसकी कीमत बढ़ने लगी वैसे वैसे इसे mine करने का algorithm tough होता चला गया।

Note - cryptocurrency mining करने के लिए बहुत से एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर भी मार्केट में उपलब्ध है।पर मेरा आपसे यही सुझाव है कि आप इसे अपने मोबाइल से mine ना करें  क्योंकि इसके कंपलेक्स एल्गोरिदम की वजह से आपका मोबाइल overheat हो सकता है। 

आपके पढ़ने योग्य लेख?

Blogspot domain seo kaise Kare ?

Cryotocurrency advantages -

1 आपकी ट्रांजैक्शंस को blockchain के द्वारा secure रखा जाता है।

 यह सरकार के कंट्रोल से बाहर है।

 यह online trading के लिए बहुत ही अच्छा option है। इसमें आपको अच्छे returns मिल सकते है

Also read

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Cryptocurrency disadvantages -

1 डिजिटल करेंसी होने के नाते इसे hack भी किया जा सकता है।

2 इसमें id खो जाने पर आप उसे recover नहीं कर सकते

3 इसे देखा नहीं जा सकता और ना ही छुआ जा सकता है क्योंकि इसे कोई भी बैंक issue नहीं करता

4 इसके आधार पर आपको लोन नहीं मिल सकता

Crypyocurrency types

दोस्तों यदि क्रिप्टो करेंसी की types की बात की जाए तो bitcoin का नाम सबसे ऊपर आता है पर हम आपको बता दें कि bitcoin के अलावा और बहुत सी cryptocurrencies है जिन्हें आपको भी जानना चाहिए तो चली आसान भाषा में उन्हें भी समझते हैं।

1. Bitcoin - दोस्तों दूसरी क्रिप्टो करेंसी के मुकाबले बिटकॉइन सबसे ज्यादा popular हुआ है। इस satoshi Nakamoto नाम के व्यक्ति ने 2009 में बनाया था। शुरुआत में तो लोगों को ठीक से इसके बारे में पता भी नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गई और आज लाखों लोग इस में invest करते हैं और खूब धन कमाते हैं। Bitcoin के सबसे छोटे यूनिट को satoshi कहा जाता है। और 100 million satoshi = 1 बिटकॉइन के बराबर है।

1 bitcoin = 47,41,017 indian rupees के बराबर है।

2.  Litecoin LTC -  इससे 2011 में शुरू किया गया था। यह peer 2 peer क्रिप्टोकरंसी है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसकी transaction speed दूसरी क्रिप्टो करेंसी के मुकाबले बहुत ही अधिक है। यह block  कम समय में बनाता है इसमें mining scrypt algorithm से होती है।

1 litecoin = 14665 Indian rupee

3.  Ethereum - इसे  Vitalik Buterin द्वारा बनाया गया है। Bitcoin के बाद इसे ही सबसे अत्यधिक लोकप्रिय माना गया है। जिस प्रकार बिटकॉइन में satoshi का इस्तेमाल किया जाता है उसी प्रकार इसमें ether का प्रयोग किया जाता है। Ether एक digital token है। Ethereum decentralized block chain technology पर आधारित है। 

1 ether = 299788 Indian rupees

4  Dogecoin (doggy)  -  यह Billy Markus का अविष्कार है इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि दूसरे बिटकॉइन के मुकाबले  इसमें data mining बहुत ही तेज होती है। इसे इसलिए बनाया गया ताकि बिटकॉइन का मजाक उड़ाया जा सके। इसलिए इसके संस्थापक ने इसका नाम dogecoin रख दिया। Dog मतलब कुत्ते से इसकी समानता की गई। इसमें scrypt algorithm उपयोग किया जाता है।

1 dogecoin = 19.80 Indian rupees

5  Peercoin ( PPC ) - इसे  peer to peer cryptocurrencyकहा जाता है। यह बिटकॉइन के peer to peer है। पीर टो पीर का मतलब होता है लगभग सेम रंग का होना। peer to peer का मतलब होता है लगभग same rank का होना। इसकी एनर्जी एफिशिएंसी बिटकॉइन के मुकाबले बहुत अधिक होती है। peercoin Proof of work and proof of stake को प्रयोग में लेता है complex mathematical problems को solve करने के लिए।

1 peercoin = 29.49 rupees 

6  Cosmos  (ATOM) - इसका मुख्य उद्देश्य different blockchains networks के बीच में communication,  data sharing and file transfer , transactions करने का होता है।

India में क्रिप्टोकरंसी कैसे खरीदें ?

India मैं क्रिप्टोकरंसी खरीदने के लिए सबसे पहले आपको play store में जाना होगा। और वहां जाकर आपको कुछ एप्लीकेशन search करनी है जैसे कि wazirx , coin switch kuber, coin DCX , zebpay. इन सभी एप्लीकेशनस से आप कोई सी भी application download कर सकते हैं। इन एप्लीकेशंस को cyptocurency exchange भी कहा जाता है क्योंकि यहां बहुत सी क्रिप्टोकरेंसीज को खरीदा और बेचा जाता है। Downloading के बाद आपको इसमें account बनाना होगा। मतलब signup करना होगा। उसके बाद आपको अपनी KYC (know your customer) पूरी करनी होगी। फिर अपने enail के जरिए आप अपना account activate कर सकते हैं। account activation  के बाद आप अपना money उसमें add कर सकते हैं और क्रिप्टोकरंसी खरीद सकते हैं।

Conclusion -

फ्रेंड्स क्रिप्टोकरंसी के प्रकार तो बहुत सारे हैं लेकिन हमने आपको cryptocurrency kyon hai charcha mei को reading format में आपके सामने प्रस्तुत किया है पर आपके मन में एक सवाल उठ रहा होगा कि हमारे देश भारत में क्रिप्टोकरंसी legal है या नहीं , आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत में क्रिप्टोकरंसी पूरी तरह से लीगल है लेकिन भारत सरकार द्वारा decentralized currencies खरीदने और बेचने वालों पर पूरी नजर रखी जाती है। क्योंकि इसका इस्तेमाल illegal work के लिए भी किया जा सकता है। तो दोस्तों आपने क्रिप्टोकरंसी को हिंदी में अच्छे से समझ ही लिया होगा यदि आपने कोई क्रिप्टोकरंसी खरीदी है तो कितने में खरीदी है और कितने में बेची है मुझे कमेंट करके बताना जरूर।

धन्यवाद!


Tuesday, October 5, 2021

Online earn money with affiliate marketing in hindi

 आपने affiliate marketing  के बारे में बहुत लोगों से सुना होगा। आप सभी जानते हैं कि आजकल online shopping का ट्रेंड है| आजकल सभी लोग internet पर depend हैं| internet and computer laptop का उपयोग करके e- commerce websites से online earn money करना चाहते हैं। कुछ लोग affiliate marketing  के बारे में जानते हैं तो कुछ नहीं जो नहीं जानते हैं उनके लिए  यह आर्टिकल बहुत ही खास होने वाला हैं|इसका इस्तेमाल आप अपने blog website पर कर सकते हैं इसकी help से आप google blogger or word press site से high traffic generate कर सकते हैं तो चलिए सीखते हैं इसके बारे में।

In Hindi online earn money with affiliate marketing 


Online earn money with affiliate marketing in Hindi


Affiliate marketing  दो शब्दों से मिलकर बना है affiliate and marketing . जिसका सीधा सा मतलब है link के through marketing करना। इसमें हमें big affiliate marketing companies जैसे कि amazon, flipkart,  snap deal के products को अपनी website के माध्यम से sale करते हैं और इसमें हर product की sale होने पर आपको कुछ commission प्राप्त होता है। और इस product की भिन्न-भिन्न categories हो सकती है जैसे कि fashion and lifestyle, electronic items etc. कुछ सालों पहले marketing करने के लिए घर घर पर जाना पड़ता था लेकिन आज science and technology and e-commerce companies की मदद से आर्डर करने पर घर बैठे ही सब कुछ मिल जाता है लेकिन आज online marketing / affiliate marketing से लोग शॉपिंग भी कर रहे हैं और पैसा भी कमा रहे हैं।

Name of some affiliate marketing companies 

कुछ  affiliate marketing companies के नाम इस प्रकार है जो affiliate marketing platforms का काम करती है।

1 Bluehost 

2 Godaddy

3 CJ affiliate 

4 Hostgator

5 eBay partner network inc Affiliate 

6 hubspot affiliate program 

एफिलिएट मार्केटिंग की working process

ज्यादातर product based and service based companies अपनी product sale की बढ़ोतरी के लिए affiliate program को स्टार्ट करती है। High traffic generating websites को ही इस प्रोग्राम का फायदा मिलता है। क्योंकि उनकी वेबसाइट पर हर समय  visitors उपस्थित रहते हैं। जो कोई भी website owner affiliate sponsorship को जॉइन करता है उसे कंपनी द्वारा कुछ लिंक्स प्रोवाइड किए जाते हैं जिसे उसे अपनी वेबसाइट में different places में add करना होता है और यदि कोई visitor उन links पर click करके उस वेबसाइट को visit करके कोई शॉपिंग करता है तो ऐसे में उस वेबसाइट ओनर को उस visitor के shopping करने से कुछ money earn होता है जिसे commission कहते हैं।

Some important terminologies related to free affiliate programs

    1 Affiliates - Affiliates उन लोगों को कहा जाता है जिनकी वेबसाइट affiliates program के साथ लिंक होती है। मेरे कहने का मतलब यह है कि एफिलिएट वह person होता है जो अपने blogger या फिर वेबसाइट पर product based companies जैसे कि अमेजॉन, फ्लिपकार्ट आदि के प्रोडक्ट को अपनी वेबसाइट पर promote करते हैं।

2  Affiliate link - Affiliate link e-commerce companies अपने affiliates को provide करती है , यह लिंक एक code कि form में होता है जिसका इस्तेमाल affiliates अपनी वेबसाइट पर करते है और visitors  affiliates link पर click करके शॉपिंग करते हैं। जिससे वेबसाइट ओनर और कंपनी दोनों को ही फायदा मिलता है।

3  link clocking - Link clocking एक ऐसी technique है जिसमें affiliates link URL को छोटा किया जाता है ताकि link quick load हो जाए और विजिटर्स को ज्यादा परेशानी का सामना भी ना करना पढ़े|

4  payment withdrawl - Affiliate marketing payment drawl करने के अलग अलग तरीके है जैसे कि PayPal app  , wire transfer , cheque payment etc. 

5  Payment Threshold - like google Adsense affiliate marketing मैं भी आपको सबसे पहले payment threshold वाली condition को पूरा करना होता है। यह company द्वारा लगाई गई एक ऐसी कंडीशन होती है जिसमें आप minimum sale करने के बाद ही अपनी payment को निकाल सकते हैं।

6  Affiliate Manager - Affiliate manager एक guide  की तरह होते हैं जो आपको बताएंगे कि एफिलिएट प्रोग्राम का इस्तेमाल कैसे किया जाता है|

7  Commission - Commission मतलब आप की earning यहां कमीशन का सीधा सा connection  आपकी sale से है क्योंकि हर product price के हिसाब से कंपनी ने अलग अलग item का अलग-अलग commission set किया होता है।

8  Affiliate Id - Affiliate id or identity उस person को प्रदान की जाती है जो affiliate marketing करना चाहता है। जिस प्रकार facebook में आपको login ID और password चाहिए होता है उसी प्रकार affiliate id भी एक लॉगिन आईडी की तरह है और इसे प्राप्त करने के लिए आपको affiliate program में sign up करने की जरूरत पड़ती है।

9  Affiliate Marketplace - जिस प्रकार market में अलग-अलग वस्तुओं को sell किया जाता है उसी प्रकार affiliate marketplace भी आपको अलग-अलग affiliate marketing  categories से अवगत करवाता है।

On page seo

Blog post rank trick 

Affiliate marketing kaise Kare? How to start affiliate marketing ? 

Affiliate marketing  में आपको प्रोडक्ट को बेचने के लिए उसका प्रमोशन इस प्रकार से करना है कि ज्यादा से ज्यादा लोग आपसे impress हो जाए और आपके प्रोडक्ट को खरीद लें जिससे कि आपको अच्छे से अच्छी कमाई हो |

Customers को trust कैसे दिलाया जाए ?

Business and marketing में trust होना बहुत जरूरी है |जब भी हम किसी दुकान से बार-बार सामान खरीदते हैइसका मतलब यह होता है कि हमें उस दुकानदार पर ट्रस्ट है। वह हमारे साथ धोखा नहीं करेगा और हमें अच्छे दाम में सामान बेचेगा | उसी प्रकार मार्केटिंग में भी कस्टमर्स को ट्रस्ट दिलाना बहुत जरूरी हैजब भी हम किसी प्रोडक्ट को प्रमोट करें उसके pros and cons  को customers के साथ जरूर शेयर करें।

Affiliate marketing products को कहां-कहां पर प्रमोट कर सकते है 

दरअसल affiliate मार्केटिंग प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिए आप विभिन्न प्रकार के social media प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि facebook page,  twitter, blogger, websites , instagram etc. 

एफिलिएट मार्केटिंग करने के लिए कंपनी को कितने पैसे देने पड़ते है

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि affiliate मार्केटिंग बिल्कुल मुफ्त होती है। इसमें आपको पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती है|इसमें आप private companies  का काम कर रहे होते हैं। वे आपसे पैसा लेती नहीं बल्कि कमीशन के रूप में आपको पैसा देती है। 

Scope of affiliate marketing 

आप सभी जानते हैं कि affiliate marketing e-commerce websites ही ऑफर करती है। यह भी डिजिटल इंडिया का एक हिस्सा हैं|आप सभी जानते हैं कि आजकल समय की कमी के कारण लोगों के पास shopping करने का समय नहीं होता हैं इसलिए उनकी first preference e-commerce websites ही होती है। दोस्तों जिस प्रकार science and technology में advancement आ रही है। उसी प्रकार affiliate marketing की डिमांड भी बढ़ रही हैं ,  In Future इसका scope बहुत ही vast होगा |

Affiliate marketing के फायदे 

style="font-size: medium;">1  जो लोग blogger का इस्तेमाल करते हैं उनके blog पर heavy traffic आता है।

2  इसे join करने के लिए आपको कोई भी पैसा नहीं देना पड़ता है।

3  इसमें आपको किसी भी प्रकार का कोई भी इन्वेस्टमेंट नहीं करना पड़ता है।

 यदि आप अच्छी सेल करते हैं तो  multinational companies  आपसे contact भी कर सकती है आपको job opportunities भी offer कर सकती है 

Affiliate Marketing के नुकसान।

1  ऑनलाइन प्रोडक्ट ना खरीदने पर आपको किसी भी प्रकार का कोई भी फायदा नहीं होगा।

2  आजकल सभी affiliate मार्केटिंग कर रहे हैं तो इसमें आपको हाई कंपटीशन देखने को मिलेगा।

3  less sale  वाले प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने पर भी आपको नुकसान होगा क्योंकि उसे कोई खरीदेगा नहीं।

4  आपको थोड़ी पार्टी की तरह काम करना होगा।

Affiliate marketing websites  को किस प्रकार ज्वॉइन करें?

इसे ज्वाइन करने के लिए सबसे पहले आपको पता होना चाहिए कि कौन कौन सी affiliate companies affiliate marketing program को ऑफर करती है। इसका पता करने के लिए एक सिंपल सा method है। किसी भी कंपनी के नाम के साथ affiliate word को जोड़ दो। यदि वे affiliate program offer करती होगी तो आपके सामने एफिलिएट लिंक उस वेबसाइट का open हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर आप नीचे दी गई फोटो को देख सकते है।

Online earn money with affiliate marketing in Hindi

Amazon affiliate marketing program join कैसे करें?

सबसे पहले आपको गूगल में जाकर amazon affiliates type करना होगा। पेज ओपन होते ही आपको उस पेज को स्क्रॉल डाउन करते हुए बॉटम तक आना है और आपको वहां पर sign in का ऑप्शन मिल जाएगा। यदि आपका पहले से ही amazon account बना हुआ है तो आप सीधा ही sign in / login कर सकते हैं। create new account option भी आपको वहां पर मिल जाएगा। New account creation के लिए आपको अपनी कुछ details submit  करवानी पड़ेगी जैसे -
  1. Name
  2.  Email id
  3.  Address 
  4.  Mobile Number
  5.  Pancard Details
  6.  Blog/Website Url 
  7.  Payment Details etc
इन सभी डिटेल्स को fill करने के बाद आप amazon affiliates program  का हिस्सा बन जाएंगे। अब कंपनी आपकी email और आपकी वेबसाइट को verify करने के लिए  confirmation email आपके email address पर send करेगी।
verification होने के बाद आप सीधा ही अमेजॉन एफिलिएट प्रोग्राम में लॉगिन हो जाओगे। वहां पर आपको different categories के प्रोडक्ट दिखाई देंगे। वहां आपको किसी भी प्रोडक्ट पर क्लिक करने पर उस प्रोडक्ट के साथ-साथ एक लिंक भी दिखाई देगा जो affiliate link होगा। उसे आपको अपनी वेबसाइट या blog में copy paste कर देना है , और अब जैसे ही कोई आपके लिंक से शॉपिंग करता है तो उसके ऐसा करने पर आपकी earning भी वहां से start हो जाती है।

Affiliate marketing से payment प्राप्त कैसे करें ?

 इससे आप payment PayPal account  या फिर DBT (डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) के जरिए प्राप्त कर सकते है लेकिन इसकी पेमेंट भी कुछ factors पर depend करती है जैसे -

1 Cost per sale - इसमें product price and product sale के basis पर आपको पैसा दिया जाता है।

2 Cost per click - जिस प्रकार google Adsense अपनी advertisement पर click करने पर आपको पैसा देता है उसी प्रकार इसमें भी adclick पर आपको पैसा प्राप्त होता है।

3 Cost per 1000 impressions - यदि आपके प्रोडक्ट को एक हजार लोग देख कर चले जाते हैं, लेकिन वह खरीदते नहीं है तो तो ऐसी स्थिति में भी आपको कुछ ना कुछ कमीशन प्राप्त हो ही जाएगा।

Affiliate marketing से आप क्या समझे ?

मेरे आर्टिकल Online earn money with affiliate marketing in Hindi से आपने affiliate marketing amazon, affiliate marketing companies के बारे में बहुत कुछ जाना। यह online earning , work from home  का बहुत ही अच्छा source है। भविष्य में आप affiliate marketing करके बहुत अच्छा पैसा कमा सकते हैं। उम्मीद है आपको मेरी यह पोस्ट पसंद आई होगी। कृपया कमेंट करके अपने सुझाव दीजिए।

Friday, July 16, 2021

Hacking karke hacker kaise bane

 दोस्तों अगर आप computer, laptop , smartphone , internet , websites आदि का इस्तेमाल करते हैं तो आपने कभी ना कभी Hacking का नाम तो सुना ही होगा | जी हां दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि Hacking क्या होती है , and Ethical Hacker कैसे बने | Hacker  बनने के लिए कौन सा hacking course करें , ethical hacking kaise sikhe , Hacking legal है या illegal.

 Hacking karke hacker kaise bane ! Ethical Hacker कैसे बने 

Hacking karke hacker kaise bane


आजकल हैकिंग के प्रति youngsters में बहुत ही craze है|हर कोई hacker बनना चाहता है और जानना चाहता है कि हैकिंग कैसे की जाती है | अगर hacking की definition  बताई जाए तो साधारण भाषा में हम कह सकते हैं कि किसी के भी कंप्यूटर की कमजोरी को ढूंढ निकालना, मान लीजिए जैसे password या फिर उसकी कोई personal details और फिर उसे blackmail करना | ऐसी हैकिंग technique को illegal हैकिंग कहा जाता है और यह hacker द्वारा की जाती है | आप hacking app से भी कर सकते हैं |


Illegal hacking करने पर आपको fine के साथ-साथ सजा भी हो सकती है|जैसा कि मैंने आपको बताया कि हैकिंग hacker द्वारा की जाती है , पर हर बार हैकिंग को illegal कहना गलत होगा | कभी-कभी कुछ मल्टीनेशनल companies hackers hire करती हैं ताकि वे अपने डेटा और सिक्योरिटी कि strongness के बारे में जान सके

कि कोई उनकी security को नुकसान पहुंचा सकता है या नहीं|जिस प्रकार इस दुनिया में कुछ अच्छे लोग होते हैं तो कुछ बुरे , उसी प्रकार hackers भी कुछ अच्छे होते हैं तो कुछ बुरे भी , तो चलिए समझते हैं कि हैकर्स कितने types के होते हैं और कैसे काम करते हैं |


Three Main Types of Hackers 


* WHITE HAT  - ऐसे hackers जो आप की permission लेकर आपके computer सिस्टम में एंटर होते हैं और आपके system की कमजोरियों को ढूंढ निकालते हैं और उन्हें फिक्स करते हैं वे white hat hackers कहलाते हैं|व्हाइट hat hackers हमेशा legal तरीके से काम करते हैं यह अच्छे hackers की श्रेणी में आते हैं | इनका काम दूसरों को परेशानी से निकालने का होता है|इन का दूसरा नाम ethical hackers है |


* BLACK HAT HACKER - Black hat hackers white hat hackers से बिल्कुल अलग होते हैं | ऐसे  हैकर लोग बहुत ही बुरे होते हैं|क्योंकि यह दूसरों की पर्सनल डिटेल्स जैसे ATM card pin, password, database आदि को चुरा लेते हैं और बदले में उनसे high amount of money की डिमांड करते हैं|इनका काम दूसरों को परेशानी में डालने का होता है |


* GREY HAT - इनका काम न किसी को नुकसान पहुंचाना और ना किसी को फायदा देने का होता है|इनका काम अपनी hacking skills को improve करने का होता है | Grey hat hackers की type को ब्लैक hat हैकर एंड व्हाइट hat हैकर के बीच में रखा जाता है | ऐसे hackers में दोनों white and black hat hackers की quality पाई जाती है | अगर यह अपनी स्किल्स का उपयोग किसी की हेल्प करने के लिए करें तो यह व्हाइट हट हैकर है और यदि किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए करें तो यही ब्लैक हैट हैकर्स बन जाते हैं |


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Other Hacker Types -


RED HAT  - Red hat hackers का काम भी attack करने का ही होता है लेकिन यह अटैक उन hackers पर करते हैं जो दूसरों को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं | इनका काम बुरे hackers के system पर access करने का होता है| अगर यह red हैकर्स अटैक करने में unsuccessful होते हैं , तो यह अपना attack दूसरों के system को slow down  करने के लिये करते हैं |


• IMMATURE / NEOPHYTE - जो हैकिंग की दुनिया में नया होता है उसे immature or neophyte hacker कहा जाता है|इन hackers को हैकिंग के बारे में बहुत ही कम knowledge होती है | इनके पास अपनी कोई स्किल्स नहीं होती , यह internet से hacking codes को डाउनलोड करके दूसरों के computer system में भेजते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं | इन्हें 'N00B' भी कहा जाता है|


• SCRIPT KITTY - आप heading से ही पता लगा सकते हैं कि यह HACKERS सिर्फ दूसरों के द्वारा बनाए गए(program) script, codes का ही इस्तेमाल करते हैं, यह इतने experts नहीं होते है क्योंकि इनमें hacking skills कि कमी होती है , पर फिर भी इन्हें बहुत ज्यादा dangerous  माना जाता है|


• ANONYMOUS GROUP - यह एक international hacking group है | इसके बारे में आज तक कोई भी पता नहीं लगा पाया है और ना ही आज तक इसके members का पता चल पाया है | इनकी intentions दूसरों को नुकसान पहुंचाने की नहीं है|इनका एक ही मकसद है कि इंटरनेट पर freedom of speech हो | इस ग्रुप की शुरुआत 2003 में हुई थी |

BLUE HAT HACKER - Blue hat hackers का काम किसी भी company के product या फिर data, apps or software मैं loopholes ढूंढने का होता है | loophole एक ऐसा hole होता है जिसके जरिए hacker   आपके डाटा के साथ छेड़छाड़ कर सकता है| loopholes के कारण ही अधिकतर websites hack हो जाती है|लूप होल के जरिए भी hackers आपके system की security को crack कर सकता है |

ELITE HACKERS - Hackers की सभी types में से elite hackers सबसे हटके और अलग माने जाते हैं क्योंकि इनके पास जो skills होती हैं वह और किसी hacker के पास नहीं होती है , advanced tools and exploits सबसे पहले आपको इन्हीं के पास देखने को मिलेंगे|ऐसी elite hackers आपने free fire, pubg  जैसी games में भी देखे होंगे |

Terms linked with Hacking -


हम आपको कुछ ऐसे शब्दों के बारे में बताएंगे जो आपने सुने तो होंगे पर आपको इनका उपयोग नहीं पता होगा जैसे

1. Backdoor - इसका नाम देखते ही आप समझ गए होंगे की backdoor पीछे के दरवाजे से एंट्री करने को बोलते हैं , पर हैकिंग की दुनिया में इसे trap door के नाम से भी जानते हैं | यह एक authorised and unauthorized access दोनों है और इसका इस्तेमाल आप ऐसे मान सकते हैं जैसे किसी स्मार्टफोन का पासवर्ड भूल जाने पर उसे Reset करना | दरअसल इसकी जरूरत इसलिए पड़ी ताकि सॉफ्टवेयर में प्रॉब्लम हो जाने पर backdoor के माध्यम से उसे ठीक किया जा सके | आसान भाषा में हम यह भी कह सकते हैं कि अपने सॉफ्टवेयर में enter होने का दूसरा रास्ता | उदाहरण के तौर पर हम आपको बताना चाहते हैं कि मान लीजिए आप अपने फेसबुक का लॉगिन पासवर्ड भूल चुके हैं तो ऐसे में आप forgot password के ऑप्शन को सिलेक्ट करके अपना new password set कर सकते हैं और यह सब बैकडोर का ही कमाल है | 


2. Cracker - किसी भी कॉपीराइट सॉफ्टवेयर के फीचर्स को modify करना cracking process कहलाता है और इसी करने वाले को cracker कहते हैं |


3. Clone Phishing - In this method आपके email में कुछ इस प्रकार के fake link आते हैं। जिनका उद्देश्य आपका व्यक्तिगत इनफॉरमेशन को leak करने का होता है | यदि आपको अपने email में ऐसी link दिए गए है तो आपको इससे बचने के लिए किसी भी प्रकार की कोई भी अपनी व्यक्तिगत सूचना नहीं fill करनी चाहिए |


4. Logic Bomb - Logic bomb को Slag code के नाम से भी जाना जाता है | यह malicious code software में पाया जाता है और यह आपकी necessary files  को automatically delete करता जाता है। इसकी एक time duration होती है। यह एक particulars time के लिए activate किया जाता है और अपना पूरा काम करके automatically deactivate हो जाता है।


5. Firewall - Firewall एक ऐसा software होता है जो आपके कंप्यूटर सिस्टम को security प्रदान करता है। अगर आपने अपने कंप्यूटर में firewall को इंस्टॉल कर के रख दिया है तो कोई भी unwanted person आपके कंप्यूटर के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता है।


6. Keylogger - यह सभी attacks में से सबसे खतरनाक attacks में से माना जाता है , इसमें user के keyboard को track किया जाता है और उसकी important information जैसे कि password को चुराया जाता है। यदि आप android phone इस्तेमाल करते हैं तो Google Play store से किसी भी तरह का कीबोर्ड इंस्टॉल करने से पहले उसे ध्यान से check कर ले क्योंकि कुछ लोग दूसरों की इंफोर्मेशन प्राप्त करने के लिए ऐसे fake keyboard apps play स्टोर पर अपलोड कर देते हैं और हम उनके जाल में फंसकर अपनी सारी इनफार्मेशन उन्हें दे देते हैं |


7 Phreaker - Phreaking का इस्तेमाल call tapping  के लिए किया जाता है। इसमें telephone communication Network को break किया जाता है। इसमें  national and International दोनों प्रकार की call tapping होती है।


8 social engineering - In social engineering  लोगों को तरह-तरह का लालच दिया जाता है जैसे कि मान लीजिए, आपके नाम के ऊपर कोई lottery निकली है। जिसके लिए आप का pan card number,  bank account number , adhar card number  की details मांगी जाती है। आपको इन सब से बचना है और किसी भी अनजान व्यक्ति को अपनी personal details नहीं देनी है।


9 Spam - यह से मिल सोते हैं जो बिना आपकी मर्जी के आपकी gmail account में आ जाते हैं। यह ऐसे emails होते हैं जो बार-बार आते हैं और 30 दिनों के बाद अपने आप ही delete हो जाते हैं। इसे junk mail or unsolicited mail भी कहते हैं।


10 Trojan - Trojan horse आपके मोबाइल या कंप्यूटर को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है। आमतौर पर आपने अपने मोबाइल या फिर pc में pop up message आता हुआ देखा होगा जिसमें लिखा होगा " Your mobile/pc is at risk download this software ".यह एक malicious program होता है जिससे की confidential information जैसे steal your password, change your data, corrupt your files को प्राप्त किया जा सकता है।


11 Worms - worms ऐसे virus होते हैं जो अपने आप को बार-बार repeat करते हैं। इसलिए इन्हें self-replicating computer virus भी कहा जाता है। यह computer memory में present होते हैं और इससे आपका system hang हो जाता है।


12 Vulnerability - vulnerability आपके कंप्यूटर की उन weaknesses को कहते हैं जिनका इस्तेमाल करके हैकर आपके सिस्टम को अपने control में ले सकता है। इसका दूसरा नाम  ' loopholes ' है।


13 Virus - Virus की full 'form Vital information resource under seize' होता है। यह एक malicious code होता है। जिसका काम आपके सिस्टम को corrupt  करना और आप के important data को damage  करने का होता है।


14 SQL  injection - Sql injection में SQL का मतलब structured query language है|यह भी एक high level language है जिसके माध्यम से आप किसी का भी password crack कर सकते हैं।


15 spoofing - spoofing attack में कंप्यूटर को इस प्रकार से धोखा दिया जाता है कि मानो कि वह real या fake ip address में differentiate ना कर सके। यह भी unauthorized gain access के लिए बना है|

Hacking Legal or illegal 

दोस्तों जब आप अपनी hacking skill का use दूसरों को तंग करने के लिए करें तो यह illegal बन जाती है और जब आप इसका इस्तेमाल दूसरों की help करने के लिए करते हैं , उस समय यह आपके लिए legal हैं। Legal hacking or illegal hacking आप पर depend करती है।

Ethical hacking kaise sikhe ??? 

इसे सीखने के लिए आपको एक अच्छा hacking institute join करना होगा जैसे


1 University of Madras


2 International institute of information technology 


3 lucideus tech put. Ltd Delhi 


4 S.S Subodh Jain pg college,  Jaipur


5 Indian school of ethical hacking, west Bengal


Benefits of ethical Hacking


1. इसके माध्यम से आप अपने useful data को recover कर सकते हैं।


2. यदि आपने ethical हैकिंग सीखी है तो कोई भी कंपनी आपको hire कर सकती है।


3. Ethical hackers को अच्छी सैलरी प्रदान की जाती है |

Losses of ethical hacking 

1. इसका गलत इस्तेमाल करने पर आप को जेल भी हो सकती है।

2. कृपया इसका इस्तेमाल केवल educational purpose के लिए ही करें। इसका गलत उपयोग आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

3. आपका useful data hack होने पर आप blackmail के भी शिकार हो सकते है।

Important note - Hacking केवल एजुकेशनल purpose के लिए करें। कुछ नया सीखने के लिए करें। दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए ना करें। Ethical hacking के related experiments करने के लिए अपने सिस्टम का उपयोग करें या फिर जिसके सिस्टम पर आप एक्सपेरिमेंट करना चाहते हैं उस से permission ले ले |

Guys मेरी पोस्ट  "Hacking karke hacker kaise bane" पढ़कर आपको हैकिंग के बारे में कुछ ना कुछ अच्छा जानने को जरूर मिला होगा। मुझे उम्मीद है की Hacking करके hacker कैसे बने से आप भलीभांति परिचित हो चुके होंगे। Future मैं एक अच्छा 'एथिकल हैकर कैसे बने ' ? उसके लिए आपको बहुत अच्छे से मेहनत करनी पड़ेगी। hacking course, Coding ,  operating system , programming , networking , windows operating system , fundamentals of network and security , python , Linux के बारे में पढ़ना और सीखना होगा। hacking websites से भी सिखी जा सकती है| Guys आप सब को मेरी पोस्ट कैसी लगी ? मुझे कमेंट करके बताएं और साथ ही मेरी पोस्ट को शेयर करके दूसरों तक पहुंचाएं।

Sunday, June 21, 2020

जानकारी प्राप्त करें what is ATM | working and full form of ATM machine in hindi


आज का युग मशीनों का युग है | मशीनों की वजह से हमारा जीवन बहुत ही आरामदायक हो गया है |आज के जीवन में मनुष्य मशीनों से घिरा हुआ है |दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको जिस मशीन के बारे में बताने वाले हैं उसका नाम एटीएम है | Atm machine की full form automated teller machine है |

एटीएम की कुछ और प्रसिद्ध फुल फॉर्म भी है जैसे -
  • Asynchronous Transfer Mode - computer networking , telecommunications  मैं use किया जाता है
  • Altamira Airport - Brazil का airport है 
  • Angkatan Tantera Malaysia - यह एक मलेशियन शब्द है इसका मतलब Malaysian armed force है
  • Association of teacher of mathematics - इसका purpose uk के इंटरनेशनल स्कूल में mathematics subject promote करना है
  • Air traffic management - का aviation department में इस्तेमाल
  • Atm full form in chemistry - atmospheric pressure 

आखिर क्या है यह एटीएम machine ? What is ATM? 


ATM की full form automated teller machine है|यह मानव के द्वारा बनाई गई एक मशीन है |जो एक जगह पर फिक्स होकर खड़ी रहती है |हर बैंक का अपना एक atm होता है|हमारे भारत में लगभग 238,000 एटीएम installed है|दुनिया का पहला एटीएम Scottish inventor ने बनाया था जिनका नाम shepherd Barron था|यह जून 27,1967 में खोला गया था |कुछ लोग ATM full form को (any time money ) भी कहते हैं मतलब किसी भी समय पैसा ,पर यह फुल फॉर्म इतनी proper नहीं मानी जाती है|

ATM full form in hindi

ATM = स्वचालित टेलर मशीन

Working of an ATM machine (एटीएम मशीन के काम करने का तरीका)


जानकारी प्राप्त करें what is ATM working and full form of ATM in hindi
ATM machine

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दोस्तों जैसे कि हम सब जानते हैं कि एटीएम से हम सब लोग पैसा निकालते हैं जितनी हमें जरूरत होती है| हम अपनी जरूरत के अनुसार एटीएम से पैसा निकालते हैं|

एटीएम से पैसा निकालने के लिए हमें एक प्लास्टिक कार्ड की जरूरत पड़ती है जिसे हम ATM debit card या फिर ATM credit card के नाम से भी जानते हैं|यह आपको बैंक के द्वारा दिया जाता है जिस बैंक में आपका account होता है|

आइए एक नजर डालते हैं एटीएम के काम करने के तरीके पर

ATM works on centrailized database system दोस्तों automatic teller machine एक डाटा टर्मिनल डिवाइस है जिसके साथ दो input and four output devices connect होते हैं|इन सभी input and output devices को processor के साथ interfaced किया जाता है|जिस तरह cpu को computer's brain कहा जाता है उसी प्रकार प्रोसेसर को atm का दिल heart कहां जाता है|

जब भी यूज़र अपना card एटीएम में insert करता है और keypad से अपना pin enter करता है एटीएम मशीन आपके कार्ड की इंफॉर्मेशन host processor को देती है और host प्रोसेसर आगे internet service provider ISP से communicate करता है क्योंकि होस्ट प्रोसेसर बैंक एटीएम मशीन से connect होता है और communicate करता है| host processor यूजर की ट्रांजैक्शन रिक्वेस्ट को बैंक के पास भेजता है जिस बैंक में उसका अकाउंट होता है|जब पैसा आपके बैंक अकाउंट से deduct हो जाता है तो processor एटीएम को सूचना दे देता है कि user ने इतने amount निकालने की request भेजी थी और इनकी रिक्वेस्ट को accept कर दिया जाए और इन्हें amount दे दिया जाए और ऐसे ही host processor आपके बैंक अकाउंट से आपको money provide कर देता है|

एटीएम मशीन से हम पैसे कैसे निकालते हैं?

span style="font-size: medium;"> सबसे पहले आपको ATM machine के right side पर बने एक slot में अपना एटीएम कार्ड insert करना पड़ता है उसके बाद एटीएम मशीन आपके card को read करती है यानी आपके कार्ड में बनी काली पट्टी magnetic strip की इंफॉर्मेशन को scan करती है और आपसे आपका pin personal identification number मांगती है| जैसे ही आप अपना पिन enter करते हैं मशीन आपको आपके account की सारी details आपके सामने screen पर display कर देती है और आपके बैंक के server को भी send कर देती है जिससे की मशीन और बैंक दोनों को पता चल जाता है कि आप एक genuine user है|यह सारा प्रोसेस कंप्लीट होने के बाद आप successfully एटीएम मशीन से अपने पैसे और अपने एटीएम कार्ड को निकाल सकते हैं|

कुछ एटीएम मशीन ऐसी भी होती है जिसमें आपको कार्ड इंसर्ट तब तक करके रखना पड़ता है जब तक आपकी पूरी transaction कंप्लीट ना हो जाए यानी जब तक आपके पैसे आपको ना मिल जाए|उसके बाद ही मशीन आपके कार्ड को ATM machine slot से receive करने को कहती है|

हमने कुछ ऐसी एटीएम मशीनें भी देखी है जिसमें आपको अपना एटीएम कार्ड सिर्फ कुछ सेकंड के लिए स्वाइप करना होता है और मशीन आपके कार्ड के डाटा को उसी टाइम रीड करके temporary save कर लेती है और ऐसी स्थिति में आपका एटीएम कार्ड भी एटीएम मशीन के slot में fix होकर नहीं रहता है|

आपकी पर्सनल इंफॉर्मेशन एटीएम कार्ड में binary digits i.e. (0`s and 1`s) form में save रहती है क्योंकि machine हमेशा binary number system ही समझती है

Noteएटीएम मशीन से पैसे निकालने से पहले और पैसे निकालने के बाद आपको एटीएम मशीन के number pad में बने cancel button को press करना होता है|ऐसा हम अपने ATM account की safety के लिए करते हैं|


कभी भी अपने एटीएम कार्ड का पिन किसी के साथ शेयर ना करें|

अगर आपको लगे कि मेरे एटीएम से अपने आप पैसे कट रहे हैं तो सीधे अपने बैंक शाखा से संपर्क करें |

अपने बैंक अकाउंट को अपने मोबाइल नंबर से लिंक करें ताकि transaction होने पर फौरन आपके मोबाइल नंबर पर मैसेज आ जाए|

एटीएम कार्ड के गुम हो जाने पर इसे तुरंत ही ब्लॉक करवा दें ताकि कोई और इसका गलत फायदा ना उठा सके|

इंटरनेट से online shopping करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखें कि जिस वेबसाइट से आप शॉपिंग कर रहे हैं वह वेबसाइट genuine हो क्योंकि अक्सर hackers fake ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स बना लेते हैं और यूजर्स को हर समय टारगेट करते रहते हैं|लोगों की credit card details चुरा लेते हैं और उसका misuse करते हैं|हमेशा अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर लैपटॉप से पेमेंट करने की कोशिश करें|

अपने एटीएम pin को हमेशा secret रखें|

कुछ लोग टेलीफोन कॉल के जरिए बैंक का नाम लेकर भी आपके ATM पिन और बैंक अकाउंट डिटेल्स को जानने की कोशिश करते हैं|मेरा आपसे अनुरोध है कि ऐसे लोगों से सावधान रहें|ऐसे लोगों को अपनी बैंक डिटेल्स and एटीएम पिन ना बताएं क्योंकि बैंक कर्मचारी कभी भी फोन पर आपकी पर्सनल डिटेल नहीं पूछेगा|

अगर आपको लगे कि आपने गलती से अपने एटीएम पिन किसी को बता दिया है तो आप nearest atm जाकर अपना pin change भी सकते हैं|


ATM machines input and output devices

>   keypad - input device - जब ATM machine आपके ATM card को accept कर लेती है उसके बाद आपको keypad की जरूरत पड़ती है ताकि keypad की मदद से आप अपने personal identification pin को enter कर सकें|

>   Card reader - input device - card reader  का काम आपकी एटीएम कार्ड से इनफॉरमेशन को read करना होता है|अगर आपका कार्ड बिल्कुल सही है मेरा मतलब है कि आपके कार्ड पर किसी भी प्रकार का कोई भी scratch नहीं है तो ऐसे में card reader आपके कार्ड को अच्छे से read कर लेगा और आगे का pricess करेगा और अगर आपके कार्ड पर scratches हैं तो कार्ड रीडर error show करेगा|

>   Display screen - output device - एटीएम से पैसा निकालने का प्रोसेस step - by - step होता है और यह सारा step by step process आप screen में देख सकते हैं|एटीएम मशीन में एटीएम कार्ड डालने के बाद आपको क्या-क्या स्टेप फॉलो करना है यह सब आपको एटीएम मशीन की display screen बताती है आपको guide करती है|

>   Speaker - output device - जब भी आप अपने एटीएम machine के कीपैड से कोई भी button press करते हैं|आपको हर button press करने पर एक आवाज सुनाई देगी जिसकी वजह machine में लगे स्पीकर है|

>   Cash dispenser - output device - cash dispenser ATM मशीन का वह हिस्सा होता है जहां से आप आखिर में अपनी payment receive करते हैं|

>   Receipt printer - output device - cash dispenser section से money receive करने के बाद receipt printer आपको रिसिप्ट प्रिंट करके देगा जिस पर आप की transaction date , day and time mention किया गया होगा|receipt का फायदा यह होता है कि आपको इससे पता चल जाता है कि आपके अकाउंट में कितना money अभी बचा हुआ है|


Automatic teller machine के फायदे 

  1. एटीएम मशीन से आपको हमेशा नए नोट ही मिलेंगे|
  2. एटीएम मशीन की वजह से बैंक कर्मचारियों का भी burden कम हो गया है|
  3. एटीएम machine अपने customers को 24 hours service प्रोवाइड करती है|
  4. Tourists and travellers के लिए बहुत ही फायदेमंद है|
  5. In the ATM cabin आपकी privacy का भी पूरा ध्यान रखा जाता है|
Types of ATM machine 

  • Leased line machines
  • Dial up machines
  • Leased line machines - Leased line ATM machines को operate करने की cost बहुत high होती है|इन मशीनों को four point telephone wire के जरिए host processor से connect किया जाता है|
  • Dial up machines - Dial up ATM machines में होस्ट processor को normal telephone line के जरिए modem को इस्तेमाल में लेकर कनेक्ट किया जाता है|dial up ATM machines ki cost leased line ATM machines से कम होती है|

Some basic featues of Atm

  1. अपने अकाउंट पेमेंट की इंफॉर्मेशन receipt द्वारा ले सकते हैं|
  2. अपना एटीएम पिन change कर सकते हैं|
  3. अपने प्रीपेड मोबाइल का रिचार्ज भी कर सकते हैं|
  4. एक bank account से दूसरे बैंक के अकाउंट में money transfer भी कर सकते हैं|
  5. Instant cash withdrawal कर सकते हैं|
ATM cloning क्या है और इससे कैसे बचें ?

दरअसल cloning का मतलब है आपके credit card या फिर debit card के जैसा कोई और कार्ड जिसमें आप की same card की details दी गई हो|आमतौर पर हमें यह ATM cloning attack बड़े-बड़े शहरों में देखने को  मिला है|ATM cloning में आपके card के जैसा एक और डुप्लीकेट ATM कार्ड बनाया जाता है और  hackers की help से उसके pin का पता लगाया जाता है और आपके पैसों को चुरा लिया जाता है|ATM cloning attacks के मामले ज्यादातर card swiping मैं देखने को मिले हैं या फिर चुराए गए ATM cards में|

ATM cloning से कैसे बचें ?

सबसे पहले आप अपने credit card या debit card के back side में 3 digit cvv नंबर को किसी तरह scratch करके remove कर दें|

गलती से भी अपना mobile number credit card or debit card के ऊपर ना लिखें|

अगर आप card swipe करके bill payment करना चाहते हैं तो अपनी आंखों के सामने करें|किसी पर भी भरोसा ना करें और किसी को भी अपना कार्ड ना दें|

Conclusion - Friends शहरों में रहने वाले लोग तो ATM से भलीभांति परिचित होंगे पर गांव में रहने वाले लोगों को atm चलाने में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा|In this post what is ATM | working and full form of ATM in hindi कि हमने आपको पूरी जानकारी दी है| मैं उम्मीद करता हूं कि आपने मेरी यह पोस्ट पढ़कर atm के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त की होगी|

दोस्तों मैं चाहता हूं कि आप मेरी इस पोस्ट को दूसरों के साथ शेयर करें और मुझे कमेंट करके यह बताएं कि आप एटीएम का इस्तेमाल कब और कैसे करते हैं और अगर आपके पास भी एटीएम से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी है तो मेरे साथ उसे share करना ना भूले|


Wednesday, June 10, 2020

Google Adsense page cpc , cpm , ctr , cpa , rpm and page impression के बारे में जाने


क्या आपने कभी गूगल ऐडसेंस मैं अकाउंट बनाया है, उसका इस्तेमाल किया है अगर किया है तो क्या आप ऐडसेंस के basic tools जैसे कि page cpc , cpm , ctr,  cpa,  rpm, and page impression के बारे में जानते हैं |अगर आप न्यू ब्लॉगर है और आपको मेरी बताई गई इन terms के बारे में किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी नहीं है तो मेरी यह पोस्ट पढ़कर आप गूगल ऐडसेंस की इन terms के बारे में अच्छे से जान पाएंगे |

दोस्तों गूगल ऐडसेंस दुनिया का सबसे बेहतरीन ad नेटवर्क है|मैं चाहता हूं कि जिस तरह you - tubers इसका फायदा उठाते हैं उसी तरह आप भी इसका फायदा उठाएं।

क्या आपने कभी गूगल ऐडसेंस मैं अकाउंट बनाया है, उसका इस्तेमाल किया है अगर किया है तो क्या आप ऐडसेंस के basic tools जैसे कि page cpc , cpm , ctr,  cpa,  rpm, and page impression के बारे में जानते हैं |अगर आप न्यू ब्लॉगर है और आपको मेरी बताई गई इन terms के बारे में किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी नहीं है तो मेरी यह पोस्ट पढ़कर आप गूगल ऐडसेंस की इन terms के बारे में अच्छे से जान पाएंगे |

दोस्तों गूगल ऐडसेंस दुनिया का सबसे बेहतरीन ad नेटवर्क है|मैं चाहता हूं कि जिस तरह मैं गूगल ऐडसेंस का फायदा उठाता हूं उस तरह मेरे दोस्त भी इसका भरपूर फायदा उठाएं तो चलिए title में दिए गए शब्दों को एक-एक करके explain करते हैं |

Adsense cpc किसे कहते हैं 

मैं गूगल ऐडसेंस का फायदा उठाता हूं उस तरह मेरे दोस्त भी इसका भरपूर फायदा उठाएं तो चलिए title में दिए गए शब्दों को एक-एक करके explain करते हैं |

Adsense cpc किसे कहते हैं 

Cpc की full form cost per click है|फुल फॉर्म्स  जान कर आपको मालूम हो ही गया होगा कि आपकी ads पर जितने click होंगे आपको उतना पैसा मिलेगा|लेकिन आपकी जो ad है उस पर क्लिक का कितना पैसा मिलेगा  क्या आप जानते हैं |आपको पर क्लिक का कितना पैसा मिलेगा यह decide करते हैं आपके advertiser.

दरअसल आपके advertisers आपकी ऐड में कुछ keywords add करते हैं और उन keywords की कुछ cost होती है जो हमें तब पता चलती है जब हमारी ads पर click होते है |कुछ keywords high cpc के होते हैं और कुछ low cpc keywords होते हैं|

High CPC keywords वे  keywords होते हैं जिन पर क्लिक करने पर आपको अच्छी earning  होती है मेरा मतलब $1 , $2 , $5  आदि है

क्या आपने कभी गूगल ऐडसेंस मैं अकाउंट बनाया है, उसका इस्तेमाल किया है अगर किया है तो क्या आप ऐडसेंस के basic tools जैसे कि page cpc , cpm , ctr,  cpa,  rpm, and page impression के बारे में जानते हैं |अगर आप न्यू ब्लॉगर है और आपको मेरी बताई गई इन terms के बारे में किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी नहीं है तो मेरी यह पोस्ट पढ़कर आप गूगल ऐडसेंस की इन terms के बारे में अच्छे से जान पाएंगे |

दोस्तों गूगल ऐडसेंस दुनिया का सबसे बेहतरीन ad नेटवर्क है|मैं चाहता हूं कि जिस तरह मैं गूगल ऐडसेंस का फायदा उठाता हूं उस तरह मेरे दोस्त भी इसका भरपूर फायदा उठाएं तो चलिए title में दिए गए शब्दों को एक-एक करके explain करते हैं |

Adsense cpc किसे कहते हैं 

Cpc की full form cost per click है|फुल फॉर्म्स  जान कर आपको मालूम हो ही गया होगा कि आपकी ads पर जितने click होंगे आपको उतना पैसा मिलेगा|लेकिन आपकी जो ad है उस पर क्लिक का कितना पैसा मिलेगा  क्या आप जानते हैं |आपको पर क्लिक का कितना पैसा मिलेगा यह decide करते हैं आपके advertiser.

दरअसल आपके advertisers आपकी ऐड में कुछ keywords add करते हैं और उन keywords की कुछ cost होती है जो हमें तब पता चलती है जब हमारी ads पर click होते है |कुछ keywords high cpc के होते हैं और कुछ low cpc keywords होते हैं|

High CPC keywords वे  keywords होते हैं जिन पर क्लिक करने पर आपको अच्छी earning  होती है मेरा मतलब $1 , $2 , $5  आदि है जबकि लो low cpc keywords  पर click होने पर आपको कुछ इस प्रकार के earning  होती है जैसे $0.01 , $0.05 ,$0.03 etc .

sp;जबकि लो low cpc keywords  पर click होने पर आपको कुछ इस प्रकार के earning  होती है जैसे $0.01 , $0.05 ,$0.03 etc .

Cpc का price कभी fixed नहीं होता क्योंकि keyword competition के साथ-साथ keywords का price कम ज्यादा होता रहता है |cpc increase करने के लिए आपको सही जगह पर ad लगानी होती है |

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Some high cpc keywords and their cpc

  1. Insurance - $59
  2. Loans - $50
  3. mortgage - $44
  4. attorney - $48
  5. degree - $40
  6. credit - $38
  7. donate - $42
  8. lawyer - $43
  9. conference call - $42
  10. Gas / electricity - $57

How to calculate cost per click (cpc)

हम cpc calculate इसलिए करते हैं ताकि हमें पता चल सके कि हमारी ad click पर हमें कितना earn हुआ है|दोस्तों cpc हमेशा keywords पर depend करती है keywords की जितनी high डिमांड होगी उतना ही  आपको high cpc ad मिलेगा|

डिमांड से मेरा मतलब सर्च इंजन में high search volume keyword से है क्योंकि जिस keyword पर ज्यादा भीड़ होगी उसका cpc उतना ही high होगा |

आपको सीपीसी calculate करने के लिए एक simple सा फार्मूला याद रखना है

Cpc = total money spend on your ad / total number of clicks

Cpc = 25 / 10 = $2.5

Example - मान लीजिए आपका cpc 0.2 है और आपकी वेबसाइट पर daily 100 clicks हो रहे हैं तो आपका cpc बन जाएगा 0.2 x 100 = 20$

दोस्तों यदि आपका keyword "insurance" है और ऐसे में कोई user इंश्योरेंस keyword से आपकी वेबसाइट में enter करता है और click भी करता है तो ऐसे में आपको क्लिक का अच्छा पैसा मिलेगा|सीपीसी को pay per click के नाम से भी जानते हैं|सीपीसी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल digital advertising में होता है |

Cpm क्या होता है ?

span style="font-size: medium;"> Cpm का फुल फॉर्म cost per mille होता है|mille का मतलब thousand होता है|Here letter M indicates 1000 in Roman numerals. Advertiser आपकी वेबसाइट पर आने वाले 2000 ad impression (impression का मतलब बार-बार ad को देखना होता है) को देखकर यह decide करता है कि आपको यानी publisher को कितना pay करना है |

Example - suppose आप एक blogger हैं और आपकी वेबसाइट पर daily का 2000 visitors आ रहे है  जिसमें सिर्फ 1000 visitors आपकी ऐड को देख रहे हैं
और आप dollor one cpm charge करते हैं तो ऐसे में आप अपना cpm एक साधारण से फार्मूले से calculate  कर सकते हैं |
Impression / 1000 * CPM = 2000/1000 * $2 =                                              2 dollor
तो इस formula से  हमें यह पता चलता है कि हमारा cpm $2 है |


Page Ctr क्या होता है ?
दोस्तों ctr की फुल फॉर्म click through rate है |जिस तरह से cpc और cpm को calculate करने का फार्मूला है उसी तरह ctr को भी हम calculate कर सकते हैं |मान लीजिए आप की website पर 2000 ad impressions आए मतलब 2000 लोगों ने आपकी ad को देखा लेकिन उनमें से सिर्फ 50 लोगों ने हीं आपकी advertisement पर click किया तो ऐसे में आपका सीटीआर बनेगा ,दोस्तों हमेशा याद रहे अपना ctr 15% से कम ही रखें क्योंकि less page views and ज्यादा क्लिक आने पर आपका ctr  बढ़ जाएगा और आपका गूगल ऐडसेंस अकाउंट temporary block हो जाएगा और Adsense invalid click का मैसेज भेज देगा या फिर आपको यह देखने को मिलेगा ad serving limit placed on your account. 
Ctr = ad click / ad impression * 100
       = 50/ 2000 * 100 = 2.5


Cpa किसे कहते हैं ?

Cpa को हम cost per action के नाम से जानते हैं cpa की एक और फुल फॉर्म भी है cost per acquisition . आप इसे pay per action भी बोल सकते हैं |यह वेबसाइट की real time traffic को ट्रैक करता है | अगर कोई यूजर आपके वेबसाइट पर दिखाए जाने वाली ad पर click करता है और आपकी ad में show हो रहे सर्वे , campaign , form filling , sale, registration,  news letter signup को complete करता है तो ऐसी स्थिति में आपको cpa से earning प्राप्त होती है |

Cpa का सबसे ज्यादा फायदा affilate marketing में है|

Page impressions के बारे में भी समझे

Page impression समझने के लिए सबसे पहले हमें यह समझेंगे कि page view क्या होता है | page views  आपकी वेबसाइट पर आने वाले views को कहा जाता है|जिस प्रकार हमें cpc, cpm से earning होती है उसी प्रकार page impressions भी आपको earning करने में हेल्प करते हैं पर page impression से आप की अर्निंग बहुत कम या फिर ना के बराबर होती है |

मान लीजिए आप की वेबसाइट पर रोजाना 1000 विजिटर्स आते हैं और आपने अपनी वेबसाइट पर 5 ऐड लगा रखे हैं और हर एक visitor आपकी ऐड को देखता है |अगर एक यूज़र आपकी 5 ads देखता है तो 1000 विजिटर्स की वजह से आपकी वेबसाइट पर 5000 impressions per day के आ जाते हैं and यही process पेज इंप्रेशन कहलाता है |page impressions and ad impressions को आपके visitors आपकी वेबसाइट पर एक साथ देखते हैं |

Rpm के बारे में समझे

Rpm की फुल फॉर्म Revenue per thousands impressions है |यहां पर भी M का मतलब 1000 है | rpm को समझाने के लिए मैं एक सिंपल सा उदाहरण देता हूं| rpm से ही publisher को यह पता चलेगा कि 1000 page views and ad impressions के लिए Adsense से उन्हें कितना पैसा मिलेगा |

1000 page views से earning  करने को page rpm कहा जाता है|जिस ब्लॉगर का cpc and ctr ज्यादा होगा उसका rpm भी ज्यादा होगा | In short हम कह सकते हैं कि page rpm page ctr and cpc पर निर्भर करता है

मान लीजिए आपकी ad impression 4000 है और आपने 2500 पेज view से $40 earn किया है तो आपके r.p.m. को हम कुछ इस तरह से कैलकुलेट कर सकते हैं |
Rpm= estimated earning / ad impresssion * 1000
        =  40 / 4000 * 1000 = $10 rpm


Conclusion दोस्तों आज की इस पोस्ट में मैंने आपको adsence के कुछ important tools के बारे में बताया और मुझे उम्मीद है कि आप Google Adsense page cpc , cpm , ctr , cpa , rpm and page impression के बारे में पूरी तरह से जान गए होंगे |दोस्तों आपको मेरी यह पोस्ट कैसी लगी मुझे कमेंट करके बताना जरूर और साथ ही इसे दूसरों के साथ शेयर करना ना भूले |