जिस प्रकार हमें कुछ सोचने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करना पड़ता है उसी प्रकार कंप्यूटर को भी सोचने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसे हम आम भाषा में computers memory कहते हैं। computers में memory storage प्रदान करने का काम करती है। मेमोरी 3 प्रकार की ही होती है एक temporary or primary और दूसरी permanent or secondary और तीसरी cache मेमोरी होती है।आज की इस महत्वपूर्ण लेख में हम आपको Computer mei memory kya hai aur ye kyu zarori hai से आपको अवगत करवाएंगे।
Computer mei memory kya hai aur ye kyu zaroori hai ?
आज के समय में कंप्यूटर एक जरूरत बन गया है। इसके इस्तेमाल से हमारा कार्य सरल हो गया है। कंप्यूटर मेमोरी हमारे लिए क्यों जरूरी है यह सवाल का जवाब मैं उदाहरण के रूप में देना चाहता हूं। मान लीजिए एक स्कूल में 100 छात्र है और इन सभी छात्रों की डिटेल को एक रजिस्टर पर नोट करना बहुत ही कठिन कार्य होगा , तो इससे बचने के लिए हम कंप्यूटर में उपस्थित कंप्यूटर मेमोरी का इस्तेमाल करेंगे जिससे हमारा समय भी कम लगेगा और जरूरत पड़ने पर हम किसी भी छात्र का रिकॉर्ड आसानी से ढूंढ सकते हैं।
कंप्यूटर मेमोरी कंप्यूटर की डेटा और इन्स्ट्रक्शन्स को संचित करने और पहुँचाने के लिए एक स्थायी या अस्थायी संग्रहण स्थान होती है। यह डेटा प्रोसेसिंग के लिए जरूरी होती है और कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार की मेमोरी, जैसे कि RAM (Random Access Memory) और ROM (Read-Only Memory), में बाँटी जाती है। RAM विशेष रूप से कंप्यूटर के काम करते समय डेटा और प्रोग्राम्स को तात्काल संग्रहित करती है, जबकि ROM केवल पढ़ने के लिए होती है और उसमें स्थायी डेटा होता है जो कंप्यूटर की आरंभिक जानकारी होती है।
Computer memory कितने प्रकार की हो सकती है?
कंप्यूटर मेमोरी मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है।
*Primary Memory - प्राइमरी मेमोरी, जिसे उपाधिमेमोरी भी कहा जाता है, कंप्यूटर सिस्टम की मेमोरी की प्रमुख श्रेणी होती है जो कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और चल रहे प्रोग्रामों के लिए डेटा और इंस्ट्रक्शन्स को संचित करती है। यह डेटा को प्रोसेसर के साथ तेजी से साझा करने में मदद करती है। प्राइमरी मेमोरी के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी) और ROM (रीड-ओनली मेमोरी)। RAM डेटा को अस्थायी रूप से संचित करती है, जबकि ROM में डेटा स्थायी रूप से संचित होता है और इसे प्रोसेसर के बूट करने के समय पढ़ा जा सकता है।
*Secondary Memory - सेकंडरी मेमोरी एक कंप्यूटर की एक प्रकार की भंडारण यादिका होती है जो डेटा और जानकारी को स्थायी रूप से संग्रहित करती है, और जब आवश्यक होता है, तो इसे प्राथमिक मेमोरी (रैम) से प्राप्त किया जाता है। सेकंडरी मेमोरी के उदाहरण हैं हार्ड डिस्क, सीडी, डीवीडी, पेन ड्राइव, और अन्य संग्रहणीय उपकरण। यह मेमोरी डेटा को दीर्घकालिक रूप से संग्रहित करने के लिए उपयोग में आती है।
*Cache Memory - कैश मेमोरी कंप्यूटर की तेजी और कुशलता में सुधार करने के लिए उपयोग होने वाली छोटी सी, तेज एवं स्थायी मेमोरी होती है। यह डेटा को प्रोसेसर तक जल्दी पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होती है, जिससे कंप्यूटर के कार्यक्षमता में सुधार होता है। कैश मेमोरी डेटा को प्रोसेसर के पास रखकर उसके प्रयोग को तेजी से संभालती है ताकि प्रोसेसर को डेटा को प्राप्त करने के लिए मेमोरी की खोज में समय बर्बाद नहीं होता।
Cache memory - जब हम मेमोरी की स्पीड की बात करते हैं तो इसमें cache memory का नाम सबसे ऊपर आता है। यह cpu में पाई जाती है। यह एक temporary storage memory है और volatile भी , मतलब power बंद हो जाने पर आपका data भी delete हो जाएगा। कभी-कभी यह सीपीयू मेमोरी के नाम से भी जानी जाती है।
Primary memory - Primary memory को main memory भी कहा जाता है। इसकी मेमोरी को बढ़ाया नहीं जा सकता। इसकी मेमोरी फिक्स होती है परंतु इसमें आपको एक ही समस्या का सामना करना पड़ता है , इसमें आपका डाटा परमानेंट नहीं रहता है , power चले जाने पर आपका डाटा permanently delete हो जाता है। लेकिन स्पीड के मामले में यह सेकेंडरी मेमोरी से तेज होती है। इसीलिए प्राइमरी मेमोरी को volatile memory भी कहा जाता है। यह टेंपरेरी type की है।
Abbreviations of Primary memory
RAM Types
RAM - Read Access Memory - RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी): यह कंप्यूटर की संचित डेटा और प्रोग्राम्स को तात्काल रूप से एक्सेस करने के लिए होती है।
SRAM - Static read-only memory - स्टैटिक रैम (Static RAM, या स्टैटिक रैंडम एक्सेस मेमोरी, आक्रितिक रैम) कंप्यूटर मेमोरी का एक प्रकार है, जिसे स्टैटिक कहा जाता है क्योंकि यह अपनी डेटा को तात्काल रूप से रखती है, बिना किसी पुनर्लिखन की आवश्यकता के। यह डेटा संग्रहण के लिए उपयुक्त होती है, लेकिन यह बिजली की उपस्थिति की आवश्यकता होती है और आमतौर पर रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM) के रूप में कंप्यूटर परिप्रेक्ष्य में पाई जाती है।
स्टैटिक रैम तेज़ी से डेटा एक्सेस करने में सक्षम होती है, लेकिन यह बड़े आकार की बनाने की आवश्यकता होती है, और यह आमतौर पर कॉम्प्यूटर सिस्टम की केसिंग के भीतर नहीं पाई जाती, बल्कि कंप्यूटर के प्रोसेसिंग unit मैं होती है।
DRAM - Dynamic read-only memory - डायनेमिक रैम (DRAM) एक प्रकार की कंप्यूटर मेमोरी होती है जिसका प्रमुख कार्य है डेटा को स्थायी रूप से संचित करना और प्रोसेसर को तेजी से उपलब्ध कराना। यह कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और चल रहे प्रोग्रामों के लिए आवश्यक होती है और यह डेटा को पढ़ने और लिखने के लिए इस्तेमाल होती है। डायनेमिक रैम के आधार पर कंप्यूटर विभिन्न कार्य करता है और इसे वोलेटाइल मेमोरी के रूप में भी जाना जाता है, यानी डाटा को बिजली के बिना खो देती है।
ROM Types
ROM - Read only memory - यह एक परमानेंट मेमोरी टाइप है। इसमें स्टोर की गई इंफॉर्मेशन कभी भी डिलीट नहीं हो सकती क्योंकि इसमें जो content भरा जाता है वह इसकी मैन्युफैक्चरिंग के समय ही भरा जाता है। पावर चले जाने के बावजूद भी इसमें भरा गया कंटेंट कभी भी डिलीट नहीं होता है। Rom mathematical functions store करता है जैसे sine, cosine, logarithm, square root, exponential etc
PROM - Programmable read-only memory - इसमें भी ROM की तरह इंफॉर्मेशन one time लिखी जाती है और यूजर इसे change नहीं कर सकता है।
EPROM - Erasable programmable read-only memory - यह editable memory होती है अर्थात इसमें हम data डिलीट करके इसे new data से fill कर सकते हैं।
EEPROM - Electrically Erasable Programmable Read Only Memory
Secondary memory - Secondary memory की आवश्यकता मेमोरी को बढ़ाने के लिए पड़ती है। यह एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी है। मतलब power के चले जाने पर इसमें डाटा उसी प्रकार से रहता है जिस प्रकार से आपने छोड़ा था। उदाहरण - pen drive, CD-ROM, DVD, memory cards etc.
Secondary memory के फायदे ?
जब कभी आपकी प्राइमरी मेमोरी बहुत सारे डेटा से भर जाती है तो हम उस डाटा को सेकेंडरी मेमोरी की तरफ शिफ्ट करते हैं ताकि हमें कंप्यूटर हैंगिंग प्रॉब्लम का सामना ना करना पड़े क्योंकि आपकी प्राइमरी मेमोरी का खाली रहना भी जरूरी है क्योंकि जितनी आपकी प्राइमरी मेमोरी खाली रहेगी उतना ही आपका कंप्यूटर fast होगा। examples - Hard disk, pen drive.
Difference between Static Ram and Dynamic Ram
पावर ऑन होने के बावजूद भी डायनामिक रैम अपनी स्टोर इंफॉर्मेशन को बहुत ही कम समय में खो देती है। यह समय 1 मिली सेकंड का भी हो सकता है। इसीलिए हर 2 milliseconds के बाद डायनामिक रैम को refresh करना पड़ता है। यह static Ram के मुकाबले बहुत ही सस्ती होती है। लेकिन static Ram पावर इस्तेमाल करने के मुकाबले डायनामिक रैम से ज्यादा power खर्च करता है। static Ram के सर्किट को बार-बार रिफ्रेश करने की जरूरत नहीं पड़ती।
समापन -
इस लेख "Computer mei memory kya hai aur ye kyu zaroori hai" को समाप्त करते हुए हम आपसे यही कहना चाहते हैं कि हमारी हमेशा से यही कोशिश रही है कि हम आपको एक क्वालिटी कंटेंट प्रेजेंट कर सके ताकि आप हमारा लेख पढ़कर सही जानकारी प्राप्त कर सकें।