Monday, May 27, 2024

Low value content error problem solved in Hindi

 आजकल बहुत से bloggers को अपने ब्लॉग पर low value content की problem आ रही है। इसका कारण यह है कि ब्लागिंग में कंपटीशन बढ़ता जा रहा है। मुझे भी low वैल्यू कंटेंट की प्रॉब्लम आ गई थी और मैं अपनी प्रॉब्लम को कैसे सॉल्व किया आज मैं यही आपको बताने वाला हूं। ऐसा जरूरी नहीं की new ब्लॉगर्स ही low वैल्यू कंटेंट एरर को फेस कर रहे हैं। जबकि पुराने bloggers को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हमने आपकी सहायता के लिए कुछ पॉइंट्स तैयार किए हैं। कृपया इन्हें रीड करें।

* सबसे पहले आपने अपनी वेबसाइट के लिए responsive theme select करनी है।

* आपको अपनी वेबसाइट पर काम से कम 25 आर्टिकल्स लिखने होंगे।

* लंबाई में सभी आर्टिकल्स 1000 शब्द के होने चाहिए।

* आजकल बहुत से ब्लॉगर्स chat gpt का इस्तेमाल कर रहे हैं। जो उनकी वेबसाइट की क्वालिटी को डाउन कर रहा है। आपको इससे बचना चाहिए?

* हमेशा कंटेंट लिखते समय छोटे-छोटे पैराग्राफ का इस्तेमाल करें।

* याद रहे हमेशा low कंपटीशन कीवर्ड को ही सेलेक्ट करें।क्योंकि हाई keywords भी किसी समय low keyword शब्द की कैटेगरी में आता था। भला जो कंटेंट पहले से ही गूगल पर मौजूद है। उसे हाई ट्रॉफी की उम्मीद कैसे की जा सकती है?

* कंटेंट हमेशा अपनी ऑडियंस के लिए लिखा ना कि गूगल के लिए।

Low वैल्यू कंटेंट एरर को हटाने में कितना समय लगता है?



 



आखिर कैसे ठीक करें गूगल के low वैल्यू कंटेंट एरर को?


मैं अपने अनुभव के आधार पर यह बताना चाहूंगा कि इसका कुछ निश्चित समय नहीं होता है। जैसे ही आप चित्र में दिखाई गई problem को सॉल्व कर देते हैं तो यह एक हफ्ते के अंदर remove हो जाता है।

जब भी आप अपने Adsense account को ओपन करते हैं तो लो वैल्यू कंटेंट एरर मैसेज आने पर कुछ निम्नलिखित मैसेज आपके सामने खुल जाते हैं जैसे

* Minimum content requirements - यह एरर इसलिए शो हो रहा है ताकि आप अपने कंटेंट को lenghty लिखें और detail में लिखें।कंटेंट हमेशा अपने ऑडियंस खुश करने के लिए ही लिखें न केवल गूगल को खुश करने के लिए।यदि आप शॉर्ट कंटेंट लिखते हैं तो आपको इस तरह के मैसेज का सामना करना पड़ सकता है।हमेशा यही कोशिश करें कि आपका कंटेंट अधिक से अधिक शब्दों में लिखा गया हो।

* webmaster quality guidelines - इस लाइन को पढ़ने मात्र से ही आप यह समझ गए होंगे जब भी आप कभी!अपने कंटेंट को web मास्टर में सबमिट करने के लिए जाते हो? वहां भी आपका कंटेंट एकदम से सबमिट नहीं होता। उसे सबमिट होने में कुछ समय लगता है।क्योंकि छोटे कंटेंट को वेबमास्टर सबमिट नहीं करता और जब web master भी submit नहीं करेगा तो आपका कंटेंट गूगल में भी शो नहीं होगा।यहां web मास्टर द्वारा आपको गाइड भी किया जाता है कि आपका कंटेंट किस प्रकार होना चाहिए?

* webmaster quality guidelines for thin
 content 

* Make sure your site has a unique high quality content and good user experience - इस लाइन का मतलब है कि आपको डुप्लीकेट कंटेंट से बचाना है। अब हम बात करेंगे की डुप्लीकेट कंटेंट किस प्रकार से बन सकता है -

1 यदि आप किसी दूसरी वेबसाइट से कॉपी पेस्ट अपनी वेबसाइट में करते हैं।

2 दूसरी वेबसाइट से कंटेंट को कॉपी करना और फिर उसे ट्रांसलेट कर देना।

3 कंटेंट कॉपी करके synonym का use करना।

अपने कंटेंट को अपडेट ना करना मेरे कहने का मतलब यह है, आपको रोज अपनी वेबसाइट पर नए आर्टिकल्स पब्लिश करने पड़ेंगे। क्योंकि गूगल ज्यादा समय तक पुराने आर्टिकल्स पर ऐड नहीं दिखा सकता।

4 आपकी वेबसाइट की लोडिंग स्पीड बहुत ही फास्ट होनी चाहिए। यदि आपकी वेबसाइट की लोडिंग स्पीड फास्ट नहीं है तो आपकी यह वेबसाइट पर आने वाली ट्रैफिक आपकी  वेबसाइट पर कम समय के लिए स्टे करेगी जिससे कि आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

5 मैं अपनी वेबसाइट पर हमेशा webp extension वाली images का use करता हूं क्योंकि यह बहुत ही जल्दी लोड होती है। jpeg फॉरमैट के मुकाबले।

6 अपनी वेबसाइट या फिर  वेब पेज की स्पीड को आप रेगुलर चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको page insights पर जाकर अपना यूआरएल डालना होगा।

7 यदि आप बार-बार low वैल्यू कंटेंट एरर की प्रॉब्लम से परेशान है तो आपको इसके लिए कम से कम 15 posts और लिखनी पड़ेगी और गूगल में सबमिट करनी होगी। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो गूगल आपका अकाउंट deactivate कर देगा।

8 यूनिक क्वालिटी कंटेंट का अर्थ यह होता है कि गूगल मैं आपके कंटेंट के अलावा और कोई कंटेंट similar नहीं है।

9 आप अपनी वेबसाइट पर एडल्ट कंटेंट का इस्तेमाल नहीं करना है या फिर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी जैसी चीजों का।

10 आपको किसी भी तरह की कोई भी कॉन्फिडेंशियल इनफॉरमेशन को शेयर नहीं करना है, मेरा मतलब है।arms and weapons से रिलेटेड इनफॉरमेशन!

यदि आप  मेरी बताई गई सेटिंग Low value content error problem solved in Hindi का इस्तेमाल अपनी वेबसाइट में करेंगे तो बहुत जल्दी ही आप low वैल्यू कंटेंट error ऐडसेंस प्रॉब्लम से छुटकारा पा सकते हैं।


Tuesday, February 28, 2023

Instagram kaise banayega apko malamaal

 दोस्तों आजकल के समय में हर कोई अमीर बनना चाहता है।हर कोई पैसा कमाना चाहता है और अपने सपनों को पूरा करना चाहता है। जिसके लिए हम सबको hardwork करना पड़ता है। जैसा कि हम मानते हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। लेकिन आजकल के समय में उसे ही बड़ा माना जाता है जिसके पास बहुत अधिक बैंक बैलेंस होता है। भाइयों पैसा तो अब कुछ भी काम करके कमा सकते हैं। लेकिन आज जो मैं आपको तरीका बताने वाला हूं, वह तरीका सबसे अलग होने वाला है। और वह तरीका है "Instagram kaise banayega apko malamaal"

दोस्तों आपने कई बार अपने किसी अन्य दोस्त के मुंह से यह सुना होगा कि मैं ऑनलाइन पैसा कमाता हूं। पर आपको उसकी बात सुनकर थोड़ा आश्चर्य होगा। जी हां दोस्तों आप घर बैठकर ऑनलाइन सोशल मीडिया platforms से से मनचाहा पैसा कमा सकते हैं। लेकिन हमारा उद्देश्य आपको इंस्टाग्राम से पैसा कमाना सिखाना है।

Instagram kaise banayega apko malamaal

Instagram kaise banayega apko malamaal


इंस्टाग्राम एक बहुत ही प्रचलित app और वेबसाइट है।जिसका इस्तेमाल लोग विभिन्न विभिन्न कार्यों से पैसा कमाने के लिए करते रहते हैं , आपने देखा होगा कुछ लोग तो पूरे दिन instagram reels पर वीडियो ही देखते रहते हैं और अपना समय बर्बाद करते हैं। मैं आपसे कह दूं कि वे लोग इंस्टाग्राम reel से लाखों रुपए कमाते हैं।  आप भी उनके जैसी ही reel video  बनाकर पैसा कमा सकते हैं।  इंस्टाग्राम से पैसे कमाने के अलग-अलग तरीके हैं और मैं आज के लेख में आपसे कुछ तरीकों को शेयर करना चाहता हूं।

1 Products selling  - 

यदि आप कोई व्यापारी है और आपका काम ठीक से नहीं चल रहा है। तो आप अपना प्रोडक्ट इंस्टाग्राम पर sell करके खूब पैसा कमा सकते हैं। और यदि कोई प्रोडक्ट अब स्वयं मैन्युफैक्चर करते हैं तो आप अपनी इच्छा से उसका दाम लगा सकते हैं। ऑनलाइन प्रोडक्शन करने का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि आप कस्टमर से जितना भी amount मांगेंगे उसे देना ही पड़ेगा यदि वह उस प्रोडक्ट को खरीदना चाहता है।

2 Picture/ images selling

यदि आप एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर है तो आपके द्वारा clicked pictures को edit or modify करके , या फिर किसी व्यक्ति द्वारा किसी फोटो को professional look दिए जाने पर आप उससे अपनी इच्छा से पैसे मांग सकते हैं।

3 By Affiliate marketing

अगर आप affiliate marketing से paisa earn करना चाहते हो ? तो, आपको एक high paying affiliate program को join करना होगा जिससे कि आप instagram पर affiliate links डालकर sales के basis पर commission कमा सकें। अगर आप इसको सही तरीके से करेंगे तो आप affiliate links से बहुत ज्यादा paise कमा सकते हैं। Instagram followers posts पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं, इसलिए आप अपने captions में लोगों को affiliate marketing links के बारे में बता सकते हैं, इससे उनका ध्यान quickly उसपर पड़ेगा, अकेले links include करने से कुछ नहीं होता आप इस product के बारे में जानकारी दे सकते हैं अपने followers को आपको वह क्यों अच्छा लगता है, उसके फायदे क्या है।

Instagram Sponsored Posts से पैसे कमाए -

Sponsorship programme के अंदर आपके पास 2 option होते हैं, पहले तरीके में तो अगर आपके पास ज्यादा followers तो brands के द्वारा आपको contact कर लिया जाता है, या आप भी brands को contact कर सकते हैं।

5 By selling your instagram account

आपका instagram account कितने paise में बिकेगा यह सब कुछ आपके followers और Niche पर depend करता है कि आपके content की Reach कितनी है, और लोगों को आपका content कितना पसंद आ रहा है। अपना इंस्टाग्राम अकाउंट बेचने के लिए आप अपने bio में अपनी contact details डाल सकते हैं। जिससे भी किसी को भी आपका instagram account खरीदने में कोई भी परेशानी ना हो।

6 By making instagram reels - 

इंस्टाग्राम reels ठीक उसी प्रकार होती है जिस प्रकार यूट्यूब में shorts होते हैं। creators इस feature का use करके लाखों रुपए कमा सकते हैं। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं बस रोज की एक reel video instagram पर post करनी है। यदि आपकी reels video अच्छी हुई और लोगों को पसंद आई।  तो इससे आपके followers भी बढ़ेंगे और आपको अच्छा पैसा भी बनाकर देंगे

Online platforms से पैसा कमाने के फायदे 

1 अपनी इच्छा के अनुसार काम कर सकते हैं।

2 किसी के भी नीचे रहकर काम नहीं करना पड़ता। आप स्वयं के बॉस होते हैं।

3 अच्छा काम करने पर आप लोगों में प्रचलित हो जाते हैं। उनके role model बन जाते हैं।

4 खुद पर dependent हो जाते हैं। किसी पर भी डिपेंडेंट नहीं होना पड़ता।

5 अपनी सभी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं।

आप किसी भी ब्रांड के प्रोडक्ट को प्रमोट कर सकते हैं। उनके brand ambassador अधिक बनके पर इसके लिए आपके इंस्टाग्राम अकाउंट पर फॉलोअर्स अधिक होने चाहिए।

By earning money from page promotion

ये काम आप low followers से भी कर सकते है। अगर आपके पास minimum 5k followers है तो आप दूसरो का page promote करके उनसे paisa ले सकते है। वो आपको कितने पैसे देने ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पास कितने फॉलोअर्स है। दोस्तो instagram पर आए दिन लोग new page बनाते है और उन्हे अपना पेज promote करवाना होता है इसलिए अगर आप अपने bio में लिख देते है की आप page promotion करते है तो ऐसे लोग खुद आपको काम देंगे

Instagram पर अपना खुद का बिजनेस भी प्रमोट कर सकते हैं - 

मान लीजिए आप एक दुकानदार हैं ,अपनी sale को और ज्यादा increase करने के लिए आप अपने online product दिखा सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा आपको यह होगा कि आप offline के साथ-साथ online भी अपना business चला सकते हैं।

By collaborating with other creators -

आपने कई बार इंस्टाग्राम पर देखा हुआ कि कुछ लोगों के millions में followers होते हैं। और उन्होंने कई बार अपने bio में यह लाइन लिखी होती है। "DM for paid collaboration",इस line का मतलब होता है कि आप कोलैबोरेशन के लिए हमें direct message  कर सकते हैं और वह हमारे अकाउंट को प्रमोट कर के हम से कुछ paisa money charge करते हैं।

Instagram से संबंधित कुछ प्रश्न उत्तर 

1.  इंस्टाग्राम से कितने पैसे मिलते हैं?

Answer : Instagram से आप ढेर सारे पैसे कमा सकते हैं। ऐसी कोई limit नहीं है। $100 की threshold को पार करने के बाद आपको intagram payment कर देता है।

2.  Instagram sponsorship क्या होती है?

Answer : जब आपके इंस्टाग्राम प्लेटफार्म पर बहुत सारे Followers  हो जाते हैं तो विभिन्न कंपनियां आपसे संपर्क करती है कि हमारे प्रोडक्ट को स्पॉन्सर कर दें और इसके बदले आपको अच्छी पेमेंट उनके द्वारा मिल जाती है।

3.  Instagram Hash tag का इस्तेमाल करें -

Answer : जब भी आप अपनी पोस्ट को पब्लिश करते हैं तो उसमें hashtag ## का इस्तेमाल अवश्य करें। हेस्टैक एक hyperlink की तरह होता है जिसमें आप images save करके रख सकते हैं।

4.  instagram से सबसे ज्यादा paise कौन कमाता है?

Answer - Famous सेलेब्रिटी kylie Jenner इंस्टाग्राम से सबसे ज्यादा पैसे कमाती है वह एक पोस्ट publish करने के लगभग 1266000 US dollars कमाती हैं. जो indian currency में 9,42,51,421 रुपए होते है.

5.  Instagram कहां की कंपनी है?

Answer - America

निष्कर्ष -

दोस्तों मुझे यकीन है कि मेरा लेख पढ़ने के बाद आपको बहुत सारी जानकारी प्राप्त हुई होगी। Instagram Kaise Banayega Apko Malamaal आप लोग सब अच्छे से समझ ही गए होंगे। आजकल के समय में हर कोई इंस्टाग्राम पर एक्टिव रहता है तो क्यों ना हम अपने पैशन को प्रॉफिट में चेंज करें और खूब सारा धन कमाए , मेरा लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद!

Sunday, August 7, 2022

Computer mei memory kya hai aur ye kyu zaroori hai

जिस प्रकार हमें कुछ सोचने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करना पड़ता है उसी प्रकार कंप्यूटर को भी सोचने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसे हम आम भाषा में computers memory कहते हैं। computers में memory storage प्रदान करने का काम करती है। मेमोरी 3 प्रकार की ही होती है एक temporary or primary और दूसरी permanent or secondary और तीसरी cache मेमोरी होती है।आज की इस महत्वपूर्ण लेख में हम आपको Computer mei memory kya hai aur ye kyu zarori hai से आपको अवगत करवाएंगे।


Computer mei memory kya hai aur ye kyu zaroori hai ?


Computer mei memory kya hai aur ye kyu zaroori hai


आज के समय में कंप्यूटर एक जरूरत बन गया है। इसके इस्तेमाल से हमारा कार्य सरल हो गया है। कंप्यूटर मेमोरी हमारे लिए क्यों जरूरी है यह सवाल का जवाब मैं उदाहरण के रूप में देना चाहता हूं। मान लीजिए एक स्कूल में 100 छात्र है और इन सभी छात्रों की डिटेल को एक रजिस्टर पर नोट करना बहुत ही कठिन कार्य होगा , तो इससे बचने के लिए हम कंप्यूटर में उपस्थित कंप्यूटर मेमोरी का इस्तेमाल करेंगे जिससे हमारा समय भी कम लगेगा और जरूरत पड़ने पर हम किसी भी छात्र का रिकॉर्ड आसानी से ढूंढ सकते हैं।


कंप्यूटर मेमोरी कंप्यूटर की डेटा और इन्स्ट्रक्शन्स को संचित करने और पहुँचाने के लिए एक स्थायी या अस्थायी संग्रहण स्थान होती है। यह डेटा प्रोसेसिंग के लिए जरूरी होती है और कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार की मेमोरी, जैसे कि RAM (Random Access Memory) और ROM (Read-Only Memory), में बाँटी जाती है। RAM विशेष रूप से कंप्यूटर के काम करते समय डेटा और प्रोग्राम्स को तात्काल संग्रहित करती है, जबकि ROM केवल पढ़ने के लिए होती है और उसमें स्थायी डेटा होता है जो कंप्यूटर की आरंभिक जानकारी होती है।


Computer memory कितने प्रकार की हो सकती है?


कंप्यूटर मेमोरी मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है।

*Primary Memory - प्राइमरी मेमोरी, जिसे उपाधिमेमोरी भी कहा जाता है, कंप्यूटर सिस्टम की मेमोरी की प्रमुख श्रेणी होती है जो कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और चल रहे प्रोग्रामों के लिए डेटा और इंस्ट्रक्शन्स को संचित करती है। यह डेटा को प्रोसेसर के साथ तेजी से साझा करने में मदद करती है। प्राइमरी मेमोरी के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी) और ROM (रीड-ओनली मेमोरी)। RAM डेटा को अस्थायी रूप से संचित करती है, जबकि ROM में डेटा स्थायी रूप से संचित होता है और इसे प्रोसेसर के बूट करने के समय पढ़ा जा सकता है।


*Secondary Memory - सेकंडरी मेमोरी एक कंप्यूटर की एक प्रकार की भंडारण यादिका होती है जो डेटा और जानकारी को स्थायी रूप से संग्रहित करती है, और जब आवश्यक होता है, तो इसे प्राथमिक मेमोरी (रैम) से प्राप्त किया जाता है। सेकंडरी मेमोरी के उदाहरण हैं हार्ड डिस्क, सीडी, डीवीडी, पेन ड्राइव, और अन्य संग्रहणीय उपकरण। यह मेमोरी डेटा को दीर्घकालिक रूप से संग्रहित करने के लिए उपयोग में आती है।


*Cache Memory - कैश मेमोरी कंप्यूटर की तेजी और कुशलता में सुधार करने के लिए उपयोग होने वाली छोटी सी, तेज एवं स्थायी मेमोरी होती है। यह डेटा को प्रोसेसर तक जल्दी पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होती है, जिससे कंप्यूटर के कार्यक्षमता में सुधार होता है। कैश मेमोरी डेटा को प्रोसेसर के पास रखकर उसके प्रयोग को तेजी से संभालती है ताकि प्रोसेसर को डेटा को प्राप्त करने के लिए मेमोरी की खोज में समय बर्बाद नहीं होता।


Cache memory - जब हम मेमोरी की स्पीड की बात करते हैं तो इसमें cache memory का नाम सबसे ऊपर आता है। यह cpu में पाई जाती है। यह एक temporary storage memory है और volatile भी , मतलब power बंद हो जाने पर आपका data भी delete हो जाएगा। कभी-कभी यह सीपीयू मेमोरी के नाम से भी जानी जाती है।


Primary memory - Primary memory को main memory भी कहा जाता है। इसकी मेमोरी को बढ़ाया नहीं जा सकता। इसकी मेमोरी फिक्स होती है परंतु इसमें आपको एक ही समस्या का सामना करना पड़ता है , इसमें आपका डाटा परमानेंट नहीं रहता है , power चले जाने पर आपका डाटा permanently delete हो जाता है। लेकिन स्पीड के मामले में यह सेकेंडरी मेमोरी से तेज होती है। इसीलिए प्राइमरी मेमोरी को volatile memory भी कहा जाता है। यह टेंपरेरी type की है। 


Abbreviations of Primary memory


RAM Types


RAM - Read Access Memory - RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी): यह कंप्यूटर की संचित डेटा और प्रोग्राम्स को तात्काल रूप से एक्सेस करने के लिए होती है।


SRAM - Static read-only memory - स्टैटिक रैम (Static RAM, या स्टैटिक रैंडम एक्सेस मेमोरी, आक्रितिक रैम) कंप्यूटर मेमोरी का एक प्रकार है, जिसे स्टैटिक कहा जाता है क्योंकि यह अपनी डेटा को तात्काल रूप से रखती है, बिना किसी पुनर्लिखन की आवश्यकता के। यह डेटा संग्रहण के लिए उपयुक्त होती है, लेकिन यह बिजली की उपस्थिति की आवश्यकता होती है और आमतौर पर रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM) के रूप में कंप्यूटर परिप्रेक्ष्य में पाई जाती है।


स्टैटिक रैम तेज़ी से डेटा एक्सेस करने में सक्षम होती है, लेकिन यह बड़े आकार की बनाने की आवश्यकता होती है, और यह आमतौर पर कॉम्प्यूटर सिस्टम की केसिंग के भीतर नहीं पाई जाती, बल्कि कंप्यूटर के प्रोसेसिंग unit मैं होती है।


DRAM - Dynamic read-only memory - डायनेमिक रैम (DRAM) एक प्रकार की कंप्यूटर मेमोरी होती है जिसका प्रमुख कार्य है डेटा को स्थायी रूप से संचित करना और प्रोसेसर को तेजी से उपलब्ध कराना। यह कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और चल रहे प्रोग्रामों के लिए आवश्यक होती है और यह डेटा को पढ़ने और लिखने के लिए इस्तेमाल होती है। डायनेमिक रैम के आधार पर कंप्यूटर विभिन्न कार्य करता है और इसे वोलेटाइल मेमोरी के रूप में भी जाना जाता है, यानी डाटा को बिजली के बिना खो देती है।


ROM Types


ROM - Read only memory - यह एक परमानेंट मेमोरी टाइप है। इसमें स्टोर की गई इंफॉर्मेशन कभी भी डिलीट नहीं हो सकती क्योंकि इसमें जो content भरा जाता है वह इसकी मैन्युफैक्चरिंग के समय ही भरा जाता है। पावर चले जाने के बावजूद भी इसमें भरा गया कंटेंट कभी भी डिलीट नहीं होता है। Rom mathematical functions store करता है जैसे sine, cosine,   logarithm, square root, exponential etc


PROM - Programmable read-only memory - इसमें भी ROM की तरह इंफॉर्मेशन one time लिखी जाती है और यूजर इसे change नहीं कर सकता है।

EPROM - Erasable programmable read-only memory - यह editable memory होती है अर्थात इसमें हम data डिलीट करके इसे new data से fill कर सकते हैं।

EEPROM - Electrically Erasable Programmable Read Only Memory 


Secondary memory - Secondary memory की आवश्यकता मेमोरी को बढ़ाने के लिए पड़ती है। यह एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी है। मतलब power के चले जाने पर इसमें डाटा उसी प्रकार से रहता है जिस प्रकार से आपने छोड़ा था। उदाहरण - pen drive, CD-ROM, DVD, memory cards etc. 


Secondary memory के फायदे ?


जब कभी आपकी प्राइमरी मेमोरी बहुत सारे डेटा से भर जाती है तो हम उस डाटा को सेकेंडरी मेमोरी की तरफ शिफ्ट करते हैं ताकि हमें कंप्यूटर हैंगिंग प्रॉब्लम का सामना ना करना पड़े क्योंकि आपकी प्राइमरी मेमोरी का खाली रहना भी जरूरी है क्योंकि जितनी आपकी प्राइमरी मेमोरी खाली रहेगी उतना ही आपका कंप्यूटर fast होगा। examples - Hard disk, pen drive. 


Difference between Static Ram and Dynamic Ram


पावर ऑन होने के बावजूद भी डायनामिक रैम अपनी स्टोर इंफॉर्मेशन को बहुत ही कम समय में खो देती है। यह समय 1 मिली सेकंड का भी हो सकता है। इसीलिए हर 2 milliseconds के बाद डायनामिक रैम को refresh करना पड़ता है। यह static Ram के मुकाबले बहुत ही सस्ती होती है। लेकिन static Ram पावर इस्तेमाल करने के मुकाबले डायनामिक रैम से ज्यादा power खर्च करता है। static Ram के सर्किट को बार-बार रिफ्रेश करने की जरूरत नहीं पड़ती।


समापन -

इस लेख "Computer mei memory kya hai aur ye kyu zaroori hai" को समाप्त करते हुए हम आपसे यही कहना चाहते हैं कि हमारी हमेशा से यही कोशिश रही है कि हम आपको एक क्वालिटी कंटेंट प्रेजेंट कर सके ताकि आप हमारा लेख पढ़कर सही जानकारी प्राप्त कर सकें।


Saturday, April 2, 2022

Computer ki past history || computer ka gyan in hindi

 कंप्यूटर एक electronic equipment है जिसे डिजाइन किया गया है जो डाटा को accept करता है, हमारी डाटा को process करता है, store करता है और अंत में हमें desired output देता है। computer में instructions पहले से ही save होती है।आज के लेख में हम आपको Computer ki past history  computer ka gyan in hindi बताएंगे

Computer "compute" शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ calculation करना होता है। इसके अलावा computer की एक प्रचलित full form भी है।

C - commonly 

O - operating 

M - machine 

P - particularly 

U - used for

T - technical and

E - educational 

R - research 

Computer ki past history || computer ka gyan in hindi

Computer ka ithihas computer ka gyan in hindi

दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर द्वितीय विश्व युद्ध (1943-1946) के दौरान बनाया गया था और उसका नाम ENIAC था। यह कंप्यूटर size में बहुत ही बड़े हुआ करते थे। कभी-कभी तो इनका size एक कमरे के सामान भी होता था। पहले समय के कंप्यूटर्स में vacuum tubes का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब वेक्यूम ट्यूब को बदलकर integrated circuit का इस्तेमाल किया जाता है। पहले कंप्यूटर का circuit बहुत ही complex हुआ करता था लेकिन आज modern technology द्वारा circuit का size बहुत ही छोटा कर दिया गया है।

Alan Turing को father of modern computer कहा जाता है। Charles Babbage को grand father of computer कहा जाता है क्योंकि क्योंकि उन्होंने विश्व का सबसे पहला mechanical computer design किया था, जिसका नाम analytical engine रखा गया था। इसमें ROM (read only memory)  का इस्तेमाल punched cards के रूप में किया जाता था। 

टाइप ऑफ कंप्यूटर

कंप्यूटर के दो मुख्य प्रकार हैं।

1 Analog computer 

2 Digital computer 

  • Analog computer - यह कंप्यूटर physical nature की information को process करते हैं जैसे temperature,  pressure etc
  • Digital computer - आप कंप्यूटर में जो भी input type करते हैं , binary form में होते हैं अर्थात 0 और 1 की फॉर्म में computer आपके इनपुट को binary form में समझता है और आपके input को आउटपुट में बदलकर आपके सामने information output के रूप में प्रस्तुत करता है। 
Computer generation क्या है कंप्यूटर की सभी पीढ़ियों की व्याख्या

 कंप्यूटर जनरेशन को पांच मुख्य पीढ़ियों में बांटा गया है।
  •  Generation 1 (1946-1959) - फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर्स में vacuum tubes का इस्तेमाल किया गया था इसकी main memory magnetic drums थी और इसमें external storag]e punched card के रूप में प्रदान की गई थी।language की बात करें तो उसमें low level language का इस्तेमाल किया जाता था और इसमें कोई भी operating system नहीं लगाया गया था।
  •  Generation 2 (1959-1965) - Transistors का इस्तेमाल कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी से होता चला आ रहा है। इसकी main memory RAM (random access memory)  और ROM (read only memory)  में divide होती है। इसमें assembly language और कुछ high level languages का आरंभ हुआ जैसे BASIC, COBOL(common business oriented language)  and FORTRAN (formula translation) 
  •  Generation 3 (1965-1970) - इस generation में integrated circuit and operating system का जन्म हुआ। इसकी main memory में PROM (programmable read only memory)  & DRAM (dynamic read only memory) रखा गया। इस generation में keyboard के लिए input और output के लिए monitor का इस्तेमाल किया जाता था और external storage के लिए floppy disk का। 
  • Generation 4 (1970-1981) - computer  की 4th generation LSIC (large scale integrated circuit), VLSIC (very large scale integrated circuit) , microprocessor पर based थी। इसमें main memory = EPROM (electrically programmable read only memory) & SRAM (static random access memory) External storage = Hard disk & Floppy disk , Operating system = Ms Dos & Pc Dos को लगाया गया था।
  • Generation 5 (1981 - onwards) - Generation 5 artificial intelligence AI expert system पर आधारित है। इस जनरेशन के कंप्यूटर (graphical user interface ) GUI पर based है। उदाहरण laptops, notebook, palmtop, pocket PC,  digital library etc. इसकी external storage modified magnetic and optical disk है और मेन मेमोरी में EEPROM (electrically erasable programmable read only memory )and SIMM (single inline memory module) , DIMM (dual inline memory module) components को fix किया गया है।
Basic computer applications 

1 Entertainment - अपने  टेलीविजन में हम कोई भी मूवी या फिर animation film देखते हैं वह सब कंप्यूटर की मदद से ही बनाए जाते हैं। ज्यादातर एनिमेशन फिल्म को कंप्यूटर पर बनाया जाता है और बाद में उन्हें television media पर ट्रांसफर किया जाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कौन बनेगा करोड़पति KBC है जिसमें कंप्यूटर द्वारा प्रश्न किए जाते हैं और प्रतियोगियों द्वारा उनके उत्तर दिए जाते हैं।

2 scientific research -  कंप्यूटर द्वारा robots को भी कंट्रोल किया जाता है। scientific research से तात्पर्य nuclear research , thesis research for students और deep sea investigation से है। Earthquake, Tsunami जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए आपको पहले ही सूचना दे दी जाती है।

3 Medicines - Medicines के क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तेमाल patients के records रखना heart beat, blood pressure and patient history , X-ray, ECG, MRI, CT scan से है medicine क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तेमाल एक क्रांति साबित हुआ है। medicines , hospitals मैं advancement कंप्यूटर के कारण ही आई है।

4 Engineering - Engineering field मैं कोई भी design reality में ना बनाकर उसका prototype बना सकते हैं। Designing हम CAD and CAM  सॉफ्टवेयर के द्वारा बना सकते हैं CAD (computer aided design) and CAM (computer aided manufacturing). CAD से किसी भी मशीन को reality में ना बनाकर उसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से बना सकते हैं और और उसकी testing , designing और modification बिल्कुल असली मशीन को operate करने जैसा कर सकते हैं। CAM सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल बड़ी factories मैं किया जाता है जहां हम कम समय में मशीन द्वारा बहुत सारे products को एक साथ बना सकते हैं।

5 Book publishing - हमारी जितने भी market मैं books हैं, सब DTP software के द्वारा बनाई जाती है। DTP की फुल फॉर्म desktop publishing है , पहले समय में किताबों को manually बनाया जाता था लेकिन अब personal computer pc , डीटीपी सॉफ्टवेयर जैसे कि Microsoft word से हम कुछ ही समय में बहुत सारी किताबें लिख सकते हैं। आजकल समाचार पत्र भी डीटीपी से ही बनाए जाते हैं , एक ही जगह print होते हैं और हम अलग अलग जगहों पर इन्हें बांट सकते हैं।

6 Communication - communication के लिए सबसे पहले हम telegram and telephone का इस्तेमाल करते थे। उसके बाद हमने mobile smartphone का इस्तेमाल करना शुरू किया और अब हम email का इस्तेमाल करते हैं। E-mail means electronic mail इससे हम अपने messages को transfer कर सकते हैं जिससे हमारा paper और time दोनों ही save होते हैं। हम अपने घर बैठे किसी भी दूसरे देश के व्यक्ति से video calling के जरिए face to face बात कर सकते हैं।

7 Games - कंप्यूटर पर आप बहुत ही अलग अलग टाइप की गेम खेल सकते हैं। computer games को entertainment का एक अच्छा स्रोत माना गया है। कंप्यूटर आपको online and offline games दोनों तरह की गेम्स का एक अच्छा experience प्रदान करता है। for example action games, arcade games, educational games etc. 

8 Education - आप सब जानते हैं कि आजकल के जमाने में कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। कंप्यूटर ने एजुकेशन को बहुत ही आसान बना दिया है। जो शिक्षक पहले अपने छात्रों को blackboard और chalk की मदद से पढ़ाते थे आज वही टीचर Hi-tech projector और computer के इस्तेमाल से बच्चों को पढ़ाते हैं। इससे शिक्षक को भी पढ़ाने में आसानी होती है और छात्रों को भी समझने में मजा आता है।
9 Accounting - जबसे कंप्यूटर्स की शुरुआत हुई है तब से किसी भी business के account को संभालना बहुत ही आसान हो गया है। कंप्यूटर के special software Tally 9 के द्वारा हम trial balance, profit and loss account और यहां तक कि balance sheet को भी तैयार कर सकते हैं।
10 Personal - बहुत से लोग कंप्यूटर का use अपने रिकॉर्ड रखने के लिए अपनी investment , income , expenditure और savings का analysis करने के लिए करते हैं।

Computer के लाभ - 
  • हम एक समय में बहुत सारे काम computer पर कर सकते हैं।
  • अपने से दूर बैठे दोस्तों से video calling और chatting भी कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर पर आप गाने भी सुन सकते हैं। videos भी देख सकते हैं और पढ़ाई भी कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर बहुत लंबे समय तक आप के डाटा को store कर के रख सकता है।
  • इसके द्वारा बिजनेस में आपकी help होती है।
  • इंटरनेट के जरिए बाहरी दुनिया से जुड़ते हैं।
  • डाटा डिलीट हो जाने पर हम उसे पुनः रिसाइकल बिन से वापस retrieve कर सकते हैं।
  • इसमें lan, man and wan के जरिए डाटा भी शेयर कर सकते हैं।
Computer के नुकसान -
  • अत्यधिक कंप्यूटर चलाने से हमारी दृष्टि कमजोर हो सकती है।
  • कंप्यूटर पर बहुत सारी cyber-attack होते रहते हैं।
  • Computer antivirus ना होने पर इसमें बहुत से malicious virus आ सकते हैं 
  • Weak password लगाने से hacking का खतरा हो सकता है।
  • इसे चलाने के लिए power की आवश्यकता पड़ती है।
आपने मेरा लेख पढ़कर क्या सीखा?

मैंने आपको "Computer ki past history || computer ka gyan in hindi " में दिया। यदि आप से पूछा जाए कंप्यूटर जनरेशन क्या है? कंप्यूटर की सभी पीढ़ियों की व्याख्या करें तो आप मेरी पोस्ट पढ़कर इसका जवाब लिख सकते हैं। आपको कुछ महत्वपूर्ण शब्दों की full form से भी अवगत करवाया। आजकल के समय में कंप्यूटर का हमारी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। बिना कंप्यूटर के जिंदगी की कल्पना भी असंभव लगती है।कंप्यूटर विज्ञान की देन है। आज जहां कंप्यूटर के फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी है।

Tuesday, December 28, 2021

Sitemap ko dhyan se samjhe

Sitemap means site का पूरा नक्शा। इसमें website के सभी pages की जानकारी को बताया जाता है जैसे कि आपके website के articles में आपने किन-किन चीजों का उपयोग किया है और यह चीजें images, videos, internal linking, audio file आदि होती है। sitemap का उपयोग वही bloggers करते हैं जो रोजाना new post लिखने के साथ-साथ अपनी पुरानी posts को भी update करते हैं। इस लेख में आप क्या क्या सीखेंगे ?

Sitemap बनाने के फायदे 

2 Blogger ke liye Sitemap ko kaise banaya jaata hai?

Single step me sitemap kaise banaye? Shortcut method 

Sitemap ka google search console mei submission 

"Sitemap ko dhyan se samjhe"

Sitemap ko dhyan se samjhe

Sitemap के आखिर में .xml होता है और इसका बहुत ही सिंपल सा मतलब है extended markup language. इसका इस्तेमाल तभी किया जाता है जब आप की website पर बहुत सारी posts लिखी हुई होती है। यदि आपने अपना sitemap बनाया है तो google के crawlers को आपकी वेबसाइट को index  करवाने में और एक high rank दिलवाने में किसी भी प्रकार की कोई भी problem नहीं होगी। 

मैं आपको एक आसान सा उदाहरण देकर समझाता हूं। मान लीजिए आपकी website पर 100 - 150 articles है और आप उनमें से कोई दो तीन articles मैं कुछ new paragraphs जोड़ते हैं या फिर कुछ content को delete कर देते हैं। तो ऐसी स्थिति में आपको उन तीन articles को बार-बार search console में submit करने से बचने के लिए sitemap की help लेनी होती है। आपको सिर्फ sitemap को ही update करना है। आपकी all wordpress or blogger posts automatically update हो जाएंगी।

Sitemap को update करने से पहले आपको search console में submit करना होगा। और उससे भी पहले आपको यह पता होना चाहिए कि sitemap को कैसे बनाया जाता है ?

यदि आप एक ब्लॉगर हैं और आप regularly अपने blog website को update करते हैं। मेरा कहने का मतलब यह है कि आप रोजाना एक blog post लिखते हैं और आप यह भी चाहते हैं कि आपके blog website पर high traffic आए जिससे कि आप अच्छा कमा सके। तो इसके लिए एक ही विकल्प है आप अपनी blog post को google search console or bing webmaster tool or yahoo search console में submit करें और अपने sitemap को भी। जिससे आपके blog traffic और earnings दोनों ही होने लगेगी। 

जिन लोग इसको हमेशा search engine traffic की प्रॉब्लम रहती थी और यही शिकायत रहती थी कि हमने blog  तो बना लिया लेकिन अब traffic कहां से लिया , sitemap ने उनकी प्रॉब्लम का समाधान निकाल लिया है।

Blogger ke liye Sitemap ko kaise banaya jaata hai? 

Sitemap को बनाने के लिए सबसे पहले आपको एक website पर जाना होगा Xml-sitemaps.com और यहां पहुंचते ही आपको अपनी वेबसाइट के यूआरएल को यहां पर enter करना होगा।और अब आप को start पर click करना है। और कुछ समय के लिए आपको यहां इंतजार करना होगा।यहां पर आपके वेबसाइट के url (uniform resource locator)  को crawl किया जाएगा और उसके बाद आपका sitemap तैयार होकर आपके सामने आ जाएगा।

Note - xml -sitemap.com केवल 500 pages का ही साइटमैप generate कर सकती है। 500 से ज्यादा sitemap generate करने के लिए आपको इसका pro version को खरीदना पड़ेगा।

Step 1 


Sitemap ko dhyan se samjhe

Step 2 

Sitemap ko dhyan se samjhe


Step 3

Sitemap ko dhyan se samjhe


Sitemap ko kaise submit kiya jaata hai?  

अब आपका sitemap पूरी तरह से create हो चुका है अब आपको अपने blogger settings में जाना होगा और वहां जाकर आप को custom robots.txt में generated sitemap को paste करना होगा।

Single step me sitemap kaise banaye? 

यदि आप single step में sitemap चाहते हैं तो आप इस वेबसाइट से बना सकते है आपको वेबसाइट www.labnol.org में जाना होगा। इसमें भी आपको अपनी website  का url डालना होगा और generate sitemap पर click करना होगा। उदाहरण के तौर पर आप नीचे दिए गए चित्र में देख सकते हैं।

Sitemap ko dhyan se samjhe
वैसे तो google पर आपको बहुत सारी वेबसाइट  मिल जाएंगी। sitemap बनाने के लिए लेकिन यहां मैंने आपको 1 - 2 website का उदाहरण देकर समझाया है।

Sitemap kaisa dikhta hai?

# Blogger Sitemap created on Tue, 28 Dec 2021 04:15:03 GMT
# Sitemap built with https://www.xyz.com/blogger/sitemap

User-agent: *
Disallow: /search
Allow: /

Sitemap: https://xyz.blogspot.com/atom.xml?redirect=false&start-index=1&max-results=500

यहां आपको सिर्फ xyz के बदले अपनी website के url को add करना है। URL add करने के बाद आप सिंपली अपने ब्लॉग में customs robot.txt option में copy करके paste भी कर सकते है आपको पूरा copy नहीं करना है आपको केवल (User-agent : * ..............) से कॉपी करने की प्रक्रिया को शुरू करना है।

Blogger mei sitemap kaise submit Kare? 

Sitemap बनाने के बाद आपको अपनी blogger की सेटिंग को open कर लेना है। अब आपको crawlers and indexing option में जाना है।नीचे दी गई चित्र की सहायता से आपको अपनी blogger की settings इस प्रकार कर लेनी है।

Sitemap ko dhyan se samjhe

 

Sitemap ka google search console mei submission 

Sitemap बनाने के बाद अब next step आता है वह यह है कि कि अब इसका इस्तेमाल कहां पर किया जाए ? लेकिन आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। अब आपको अपने sitemap को search engine में submit करना है और इसकी बहुत ही सरल प्रक्रिया है। यहां मैं आपको सिर्फ google search console/webmaster के बारे में ही बताऊंगा कि वहां sitemap कैसे सबमिट किया जाता है 

* सबसे पहले आपको google search console  में login कर लेना है।

* अब आपको left side में dropdown-menu में एक option दिखाई देगा sitemap का उस पर click करें।

Sitemap ko dhyan se samjhe


* अब sitemap में जाकर इस code 👇  को "Enter sitemap url" में copy कर लीजिए।

https://(  यहां पर अपनी वेबसाइट का यूआरएल डालें। )/sitemap.xml 

और submit पर click करें। आपका साइटमैप successfully submit हो जाएगा। submission के बाद आपको यह भी पता चल जाएगा कि आपके कितनी posts search engine google में index कर रहे हैं और कितनी नहीं? Sitemap blogger blogspot post seo के लिए भी बड़ा महत्वपूर्ण है।

Sitemap ko dhyan se samjhe

निष्कर्षSitemap ko dhyan se samjhne के लिए मैं आप सब का धन्यवाद करता हूं। मेरा लेख पढ़कर आपको यह समझ में आ ही गया होगा कि एक blogger के लिए sitemap कितना महत्वपूर्ण हो सकता है , अपने लेख में मैंने आपको दो तरीकों से sitemap बनाने की प्रक्रिया को बताया है। आप किसी भी प्रक्रिया से अपने sitemap  को generate कर सकते हैं। आपने अपना साइट मैप कैसे बनाएं। मुझे टिप्पणी करके बताइए और मुझे यह भी बताइए कि आप को साइटमैप का क्या फायदा मिला